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‘पीएम केयर्स फंड’ – यह सरकारी है या निजी …….

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)|’पीएम केयर्स फंड’ (‘Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund’ के बारे में यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह सरकारी ट्रस्ट है या निजी ट्रस्ट है. कानून में जहां इसे कॉर्पोरेट डोनेशन के लिए सरकारी ट्रस्ट बताया गया है, वहीं इसे कानून में कुछ जगह निजी ट्रस्ट भी बताया गया है. निजी ट्रस्ट इसलिए बताया गया है ताकि यह आरटीआई के दायरे से बाहर रहे यानि कोई भी आरटीआई के तहत इसकि जानकारी न ले सके.

दिल्ली के राजस्व विभाग से पंजीकृत इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं तथा भारत सरकार के रक्षा मंत्री, गृह मंत्रालय मंत्री और वित्त मंत्री ट्रस्टी हैं. आश्चर्यजनक रूप से हाल ही में ट्रस्ट की वेबसाईट से ज्ञात हुआ है कि यह सरकारी ट्रस्ट नहीं है. वेबसाईट के मुताबिक न ही सरकार के पास इसका स्वामित्व है और न ही ये सरकार द्वारा नियंत्रित ही है. वेबसाईट के अनुसार, इसमें व्यक्तियों / संगठनों से पूर्ण स्वैच्छिक डोनेशन मिलती है और इसे किसी सरकार से फंड भी नहीं मिलते हैं. साथ ही, ट्रस्ट के कामकाज में किसी भी प्रकार से सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है.

‘पीएम केयर्स फंड’ (‘Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund’ का पंजीकरण 27 मार्च 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी. उस वक्त इसकी स्थापना को लेकर कहा गया था कि यह ट्रस्ट कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई असाधारण और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बनाया जा रहा है.

27 जनवरी 2020 को ट्रस्ट की स्थापना के दूसरे ही दिन कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने ‘पीएम केयर्स’ को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी यानी सीएसआर (CSR) के दायरे में शामिल किया था ताकि इसमें कॉरपोरेट की मदद से फंड हासिल किए जा सकें.

गौरतलब है कि कंपनी कानून के तहत कॉरपोरेट फंड की परिभाषा है, ‘ऐसा फंड जो कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष या ऐसे ही दूसरे कोष जो कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया गया हो, में दिया गया हो. जिसका इस्तेमाल सामाजिक आर्थिक विकास के लिए किया गया हो या दूसरे राहत कार्यों जैसे पिछड़ों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति या जनजाति के कल्याण में किया गया हो.’

बता दें कि एक आरटीआई एक्टिविस्ट, अंजली भारद्वाज ने आरटीआई से मालूम किया कि सरकार ने पीएम केयर्स को केंद्र द्वारा स्थापित एक कोष बताया है. मगर शुरु से इस ट्रस्ट को लेकर ऐसा दावा किया गया कि यह सरकार द्वारा संचालित नहीं है और इसे कॉरपोरेट फंड नहीं मिल सकते हैं.

इस फंड को लेकर बाद में भी असमंजस बना रहा. फिर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने ‘पीएम केयर्स फंड’ को कंपनी कानून के तहत शामिल कर लिया. लगभग दो महीने तक पीएम केयर्स एक निजी कोष के रूप में रहा जिसे कॉरपोरेट फंड मिलते रहे.