एम्स प्रशासन की चेतावनी – ड्यूटी पर लौटें नर्सिंग स्टाफ, अन्यथा मजबूरन लेंगे एक्शन

Last Updated on 3 years by Nikhil

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | गुरुवार सुबह से पटना एम्स के 400 नर्सिंग स्टाफ अपने कार्य का बहिष्कार कर स्ट्राइक पर चले गए. इस कारण पूरी तरह से कोविड अस्पताल में परिवर्तित पटना एम्स में मरीजों को परेशानी होने लगी. ये स्टाफ अपनी नौकरी की सुरक्षा, वेतन में वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर स्ट्राइक पर चले गए हैं.

इसी बीच एम्स पटना के प्रशासन ने स्ट्राइक पर गए संविदाकर्मी नर्सों को कड़ी चेतावनी कहा है कि कहा है कि नर्सें तुरंत काम पर लौटे अन्यथा उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही एम्स प्रशासन ने यह भी कहा है कि अभी या निकट भविष्य में किसी भी संविदाकर्मी को नौकरी से निकाला नहीं जाएगा तथा उनके एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट को एम्स पटना के लैटर हेड पर दिया जाएगा.

एम्स प्रशासन ने हड़ताल पर गए नर्सिंग स्टाफ को आग्रह किया कि वो फिर से अपनी ड्यूटी शुरू करें. प्रशासन ने लेटर जारी करते हुए हड़ताल कर्मियों से कहा है कि यदि वे कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों में तथा मरीजों की जिंदगी बचाने में बाधा डालेंगे तो मजबूरन उनके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी.

हड़ताल पर गए संविदा नर्सिंग स्टाफ की मांग है कि इनके वेतन में बढ़ोतरी और नौकरी को परमानेंट किया जाए. उनकी एक मांग यह भी है कि कोरोना महामारी से यदि उनमें से कोई बीमार होता है तो उसे परमानेंट स्टाफ की तरह ही मेडिकल सुविधा मिलनी चाहिए.

बता दें कि गुरुवार को पटना एम्स के 400 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ स्ट्राइक पर चले गए और अपना काम बंद कर दिया. ये सभी नर्सिंग स्टाफ पटना एम्स के शुरू होने के समय से ही संविदा पर काम कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के समय में इस हड़ताल ने राजधानी पटना के साथ पूरे प्रदेश में मुश्किलें बढ़ा दी है.

बता दें कि गुरुवार को पटना एम्स के 400 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ स्ट्राइक पर चले गए और अपना काम बंद कर दिया. पटना एम्स के इन नर्सिंग स्टाफ के स्ट्राइक पर चले जाने से कोरोना संक्रमण के समय में राजधानी पटना के साथ पूरे प्रदेश में मुश्किलें बढ़ गई है.