खुले आसमान के नीचे गुजर रही हैं यात्रियों की सर्द रातें, कोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन
कोईलवर (TBN – आमोद कुमार की रिपोर्ट)| ठंड का मौसम जोरों पर है, लेकिन नगर में कोईलवर नगर पंचायत प्रशासन द्वारा रैन बसेरा इस वर्ष अब तक नहीं खुला है. इससे कड़कड़ाती ठंड में मुसाफिरों को रेलवे व बस स्टैंड के प्रतीक्षालय अथवा खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है.
गौरतलब है कि नगर में प्रति वर्ष नगर पंचायत की ओर से अस्थायी रैन बसेरा का निर्माण कराया जाता है. पहले नगर पंचायत प्रशासन द्वारा स्टेशन रोड में अस्थायी रैन बसेरा का शुभारंभ किया था.
बाद में अस्थायी रैन बसेरा का शुभारंभ होने पर प्रशासन ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व सार्वजनिक स्थलों में इसका प्रचार-प्रसार कराए जाने के भी निर्देश दिए थे ताकि बाहर से नगर में आने वाले मुसाफिरों एवं रात काटने वालों को कोई परेशानी न उठानी पड़े.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन
जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि जरूरत के अनुसार हर शहर में मुसाफिरों एवं रात काटने वाले लोगों के लिए रैन बसेरे बनवाए जाएं, ताकि कोई भी खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर न हो. पर इसका पालन नहीं हो रहा है.
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इस वर्ष दिसंबर माह से शहर में पड़ रही कड़ाके की ठंड से राहगीर व यात्री परेशान हैं. रात में काफी ठंड़ पड़ रहा है. वावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा रैन बसेरा के संदर्भ में अब तक किसी प्रकार का व्यवस्था नहीं कराया गया है. ऐसे में रात्रि में ट्रेन एवं बसों में बाहर से आने वाले कई मुसाफिरों और जरूरतमंदों को रैन बसेरा नहीं होने की वजह से उन्हें रात रेलवे अथवा बस स्टैंड के प्रतीक्षालय में और जब यहां भी जगह नहीं मिलती है तो खुले में एक चादर या शॉल ओढ़कर काटनी पड़ रही है. इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इस बाबत नगर पंचायत कोईलवर के कार्यपालक पदाधिकारी प्रतीक्षा प्रजापति ने बताया कि रैन बसेरा हेतु जगह की तलाश की जा रही है. बहुत जल्द जगह की व्यवस्था करा रैन बसेरा बना दी जायेगी.