पंचायत चुनाव 2021: सरपंच की बढ़ेगी जिम्मेदारी, मुखिया का घटेगा कद
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार में पंचायत चुनाव 2021 के 11 चरणों में होने वाले चुनाव की अधिसूचना के बाद अब आगे की कवायत शुरू हो गई है. पंचायती राज विभाग ने चुनाव के पहले नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण कर दिया है. नए दायित्वों में कार्य के हिसाब से मुखिया का कद घट गया है जबकि सरपंच का कद बढ़ गया है.
अब ग्राम सभा और पंचायतों की बैठक बुलाने के अधिकार के साथ मुखिया विकास योजनाओं के लिए मिलने वाली पंजी की निगरानी की भी करेगा. वहीं सरपंच गांवों में सड़कों के रखरखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य करेंगे.
पंचायती राज विभाग ने मुखिया के लिए अपने कार्य क्षेत्र में एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें आयोजित करने का दायित्व निर्धारित किया है. इन पर बैठकों के अलावा ग्रामी पंचायत के लिए विकास कार्यों की योजना बनाने का भी दायित्व होगा. मुखिया पर प्रस्तावों को लागू करने की जवाबदेही भी होगी.
पंचायती राज विभाग के अनुसार, मुखिया पर ग्राम पंचायतों के लिए तय किए गए टैक्स, चंदे और अन्य शुल्क की वसूली के इंतजाम करने का जिम्मा भी होगा.
जहां तक सरपंचों के दायित्वों का सवाल है, तो पंचायती राज विभाग ने इन्हें तीन बड़े अधिकार सौंप दिए हैं. सरपंचों को पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और उनकी अध्यक्षता करने का अधिकार दिया गया है.
Also Read| मुख्यमंत्री से नफरत करती है बिहार की जनता – चिराग
सरपंचों के पास ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी रहेंगी. सरपंचों के मुख्य कार्यों में पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, गांव की सड़कों की देखभाल करना तथा सिंचाई की व्यवस्था करने के अलावा दाह संस्कार और कब्रिस्तान का रखरखाव करना होगा.
पंचायत समिति के पास केंद्र, राज्य और जिला परिषद द्वारा सौंपे कार्यों के निष्पादन का जिम्मा होगा. साथ ही प्राकृतिक आपदाओं में पंचायत समिति के प्रमुख को 25 हजार रुपये तक खर्च करने का अधिकार दिया गया है. पंचायत समिति के वार्षिक बजट बनाने व बजट पेश करने का अधिकार भी इनके पास होगा.