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सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में कटौती का आदेश हुआ रद्द

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर इस साल सितंबर से अगले पांच महीनों के दौरान राज्य के स्कूलों में छुट्टियों की संख्या 22 से घटाकर 11 करने का विवादास्पद आदेश सोमवार शाम को वापस ले लिया.

शिक्षक संघ के द्वारा मंगलवार 5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी की जा रही थी. इस आदेश के लगातार हो रहे विरोध से सरकार बैकफुट पर आ गई और फिर सोमवार शाम 29 अगस्त को जारी उक्त आदेश को निरस्त करने का आदेश दे दिया गया.

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह और शिक्षक प्रतिनिधि एमएलसी संजीव कुमार सिंह तथा संजय कुमार सहित शिक्षक नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को स्थिति के बारे में जानकारी दी. उसके बाद मुख्यमंत्री ने छुट्टी से संबंधित अपनी राय में संशोधन किया.

इस बैठक के बाद एक अधिसूचना में निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) ने आदेश जारी कर कहा: “सरकारी प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में छुट्टियों की सूची वाला 29 अगस्त का आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है.”

उल्लेखनीय है, यह कदम शिक्षा विभाग द्वारा खगड़िया जिले में एक स्कूल शिक्षक को निलंबित करने का आदेश देने और रक्षाबंधन पर स्कूलों को खुला रखने के फैसले के लिए नौकरशाही की आलोचना करने के लिए उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने के आदेश के ठीक एक दिन बाद आया है.

इससे पहले गत शनिवार 2 सितंबर को राज्य के सरकारी स्कूलों में छुट्टी कटौती को लेकर मचे हंगामे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार अपना मुंह खोला था. नीतीश ने इस मामले पर पत्रकारों द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में कहा था कि हम चाहते हैं कि बच्चों को समय पर अच्छी शिक्षा मिले. नीतीश ने पत्रकारों से कहा था कि इस मामले में कोई विवाद नहीं है. उन्होंने कहा, “बच्चे-बच्चियों को पढ़ाना चाहते हैं, शिक्षित करना चाहते हैं, इसमें बुराई क्या है? सबको इस बारे में देखना चाहिए. जो भी गलत लग रहा है, वो आकर बताएं कि उन्हें क्या गलत लग रहा है. हम सबकी बात सुनेंगे.”

उन्होंने कहा था कि “काम तो अच्छा कर रहे हैं. हम तो कह दिए, हम सबका कितना सुनते हैं, कितना फायदा करते हैं, फिर क्यों चिंता कर रहे हैं. हम तो चाहते हैं कि बच्चे बच्चियों की पढ़कर समय पर खूब अच्छे से हो.”

बता दें, निलंबित शिक्षक की बहन जब उन्हें राखी बांधने के लिए भागलपुर से मथुरापुर स्थित उनके मिडिल स्कूल पहुंची तो शिक्षक का भावनात्मक आक्रोश मोबाइल फोन के कैमरे में कैद हो गया था.

सितंबर से लेकर दिसंबर महीने तक छुट्टियों में बड़ी कटौती की गई थी. इसको लेकर बिहार में न सिर्फ खूब राजनीति हुई बल्कि शिक्षक संघ ने भी अपना विरोध जताया था. छुट्टियों को रद्द करने से संबंधित पूर्व के आदेश को विपक्ष खासकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित आदेश बताया था. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए यहाँ तक कह डाला था कि बिहार में शरीयत कानून लागू हो सकता है.

उधर, बिहार शिक्षक मंच का कहना था कि स्कूलों में पहले से ही साल में 253 कार्य दिवस हैं और सरकार को शिक्षकों को दिए जाने वाले गैर-शैक्षणिक कार्यों में कटौती करके उन दिनों में पढ़ाने की अनुमति देने पर ध्यान देना चाहिए.

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह का कहना था कि दुर्गा पूजा और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के लिए छुट्टियां कम करना अजीब है, क्योंकि ये ऐसे मौके होते हैं जब पूरा परिवार पूरी तरह व्यस्त रहता है. परंपरागत रूप से, स्कूल कैलेंडर में महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान पर्याप्त छुट्टियां होती हैं. त्योहार समस्या नहीं हैं. समस्या यह है कि सरकार न्यूनतम सुविधाओं के साथ पूरे साल दुनिया भर में हर काम के लिए शिक्षकों को नियुक्त करती है और फिर उनसे काम पूरा करने की उम्मीद करती है.