विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ने किया वृक्षारोपण
हाजीपुर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर पूर्व मध्य रेल के जीएम (GM of East Central Railway) अनुपम शर्मा द्वारा पाटलिपुत्र रेल परिसर, पटना में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की. इस अवसर पर पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के अन्य विभागाध्यक्षों द्वारा भी वृक्षारोपण किया गया. इस आशय की सूचना पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी.
पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडलों – सोनपुर, समस्तीपुर, दानापुर, धनबाद तथा पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल मंडल रेल प्रबंधकों एवं अन्य शाखा अधिकारियों द्वारा वृक्षारोपरण किया गया. इसके साथ ही छोटे-बड़े स्टेशनों/रेलवे चिकित्सालयों, रेलवे कॉलोनियों आदि में भी वृक्षारोपण किया गया. पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए मंडलों में प्रभातफेरी भी निकाली गयी.
विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में पर्यावरण संरक्षण विषय पर स्टॉकहोम में सन् 1972 में 05 से 16 जून तक एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था. उसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 05 जून को “अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस” मनाया जाता है. इस वर्ष पर्यावरण दिवस की थीम “ओनली वन अर्थ” (Only One Earth) है.
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पर्यावरण संरक्षण में रेलवे का योगदान अति महत्वपूर्ण है. भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है. इसी कड़ी में पूर्व मध्य रेल द्वारा व्यापक पैमाने पर रेल विद्युतीकरण, ट्रेनों का मेमू रेक में परिवर्तन, एचओजी, बॉयो टॉयलेट, उर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, ठोस अपषिष्ट प्रबंधन एवं वृक्षारोपण आदि की दिशा में काफी कार्यों को किया गया है.
विद्युतीकरण
बेहतर एवं तेज कम्यूनिकेशन, यातायात व्यवस्था की बिना किसी भी सभ्यता का विकास संभव नहीं है ऐसे मे जो यातायात के साधन देश की तरक्की के लिए उपयोग किए जा रहे हैं वो पर्यावरण मित्रवत हों इसका ध्यान भी रखना चाहिए. इस दिशा मे एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रेल मंत्रालय द्वारा भारतीय रेल पर स्थित सभी बड़ी लाइनों को विद्युतीकृत करने का निर्णय लिया गया और अब मिशन मोड मे कार्य करते हुए ‘भारतीय रेल’ दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेल बनने की ओर अग्रसर है तथा इसको सन 2030 तक ‘जीरो कार्बन उत्सर्जक’ (zero carbon emitter) बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया.
भारतीय रेल के इस महत्वाकांक्षी कदम को सफल बनाने के लिए पूर्व मध्य रेल द्वारा किए गए सतत् प्रयासों एवं सुधारों के फलस्वरूप पूर्व मध्य रेल के 05 मंडलों में से समस्तीपुर मंडल के कुछ रेलखंडों को छोड़कर शेष 04 मंडल शत-प्रतिषत विद्युतीकृत किए जा चुके हैं, जिन पर विद्युत इंजन से ट्रेनों का परिचालन हो रहा है. फलस्वरूप पर्यावरण सुधार के साथ ही ईंधन की बचत हो रही है और समय पालन में भी सुधार हुआ है. वर्ष 2021-22 में लगभग 209 रूट किमी. का विद्युतीकरण किया गया.