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पुल टूटने की घटनाओं पर सम्राट चौधरी ने कहा हर चीज की जांच की जा रही है

पटना (The Bihar Now डेस्क)| बिहार में पुल गिरने की सिलसिलेवार घटनाओं के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Bihar Deputy CM Samrat Choudhary) ने गुरुवार को कहा कि जांच जारी है और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सम्राट चौधरी ने कहा, ”मैं हर चीज की जांच करा रहा हूं और जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मैं एक सूची जारी करवाऊंगा – कब बनाया गया, किसने बनाया. हमें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार ये कई विधायकों की सिफारिश से बनाए गए हैं. हर चीज की जांच की जा रही है. कार्रवाई की जायेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है.”

गौरतलब है कि पिछले महीने जून में राज्य भर में अररिया, सीवान, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और मधुबनी जिलों में पांच पुल ध्वस्त हो गये थे. पुल ढहने की पहली घटना 18 जून को अररिया में सामने आई थी.

22 जून को सीवान में गंडक नदी पर बना करीब 40-45 साल पुराना पुल भी गिर गया था. 23 जून को, पूर्वी चंपारण में लगभग 1.5 करोड़ रुपये की लागत वाला एक निर्माणाधीन पुल ढह गया, स्थानीय लोगों ने घटिया सामग्री के उपयोग को दोषी ठहराया.

18 जून को बिहार के अररिया जिले के पररिया गांव में बकरा नदी पर बना एक नवनिर्मित पुल ढह गया.

पिछले महीने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में पुलों के बार-बार ढहने पर चिंता जताई थी और इन घटनाओं के पीछे संभावित साजिश का दावा किया था.

उन्होंने कहा, “यह चिंता का विषय है कि (बिहार में) पुल टूट रहे हैं. ऐसा लगता है कि घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया होगा. लेकिन पुल 15 दिन या एक महीने पहले क्यों नहीं ढह रहे थे? वे अब क्यों ढह रहे हैं? क्या इसके पीछे कोई साजिश है?”

पिछले दो दिनों में भी सीवान और सारण में गंडक नदी पर कुल छह पुल ढह गए, अधिकारियों ने एक के बाद एक घटनाओं के लिए इंजीनियरों और ठेकेदारों को दोषी ठहराया.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गोपालगंज और आसपास के इलाकों में फीडबैक लेने के बाद नदियों से गाद निकालने सहित कई परियोजनाएं शुरू की गईं. ऐसा लगता है कि इंजीनियरों ने ध्यान नहीं दिया और ठेकेदार सावधान नहीं थे. अधिकारियों ने कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि संबंधित इंजीनियरों की गलती है.”

उन्होंने बताया कि विशेष टीमों को मौके पर भेजा गया है और इंजीनियरों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है.

अधिकारियों ने आगे कहा कि नए पुलों का निर्माण किया जाएगा और निर्माण की लागत संबंधित ठेकेदारों द्वारा वहन की जाएगी.

उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश पुल 30 साल पुराने थे और नींव बहुत गहरी नहीं थी, गाद निकालने के दौरान नींव क्षतिग्रस्त हो गई थी.

बता दें, अररिया के सिखटी और कुर्साकट्टा को जोड़ने वाला पुल उद्घाटन से पहले ही बह गया था.

पिछले साल जून में बिहार के वैशाली जिले में गंगा नदी पर बने एक अस्थायी पुल का एक हिस्सा तेज हवाओं में आंशिक रूप से बह गया था.

अस्थायी पुल राघोपुर को वैशाली जिला मुख्यालय से जोड़ता था. पिछले साल जून में बिहार के वैशाली जिले में गंगा नदी पर बने एक अस्थायी पुल का एक हिस्सा तेज हवाओं के कारण आंशिक रूप से बह गया था. अस्थायी पुल राघोपुर को वैशाली जिला मुख्यालय से जोड़ता था.