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उत्तराखंड आपदा: तपोवन परियोजना के मृतकों को एनटीपीसी द्वारा मुआवजा देना शुरू

नई दिल्ली / बाढ़ (अखिलेश कु सिन्हा – The Bihar Now रिपोर्ट)| 7 फरवरी को उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. इस आपदा में एनटीपीसी की तपोवन परियोजना में कार्यरत कई श्रमिकों ने भी अपनी जान गंवाई हैं. जान गंवाने वाले उन श्रमिकों के परिवारों को एनटीपीसी ने मुआवजा देना शुरू कर दिया है.

मुआवजे की 20 लाख रुपये की पहली राशि इस आपदा में अपनी जान गंवाने वाले तपोवन विहार के स्व नरेंद्र की पत्नी श्रीमती विमला देवी को सोमवार 15 फरवरी को चेक द्वारा सौंपा गया. एनटीपीसी की एक टीम, जिसका नेतृत्व परियोजना के प्रमुख आरपी अहिरवार कर रहे थे, ने सोमवार को विमला देवी के घर जा कर संवेदना व्यक्त की.

एक ओर तपोवन टीम ने मुआवजे में तेजी लाने के लिए सभी प्रक्रियाओं को अपनाना शुरु कर दिया है, वहीं एनटीपीसी ने मृत श्रमिकों के परिवारों को राज्य सरकार द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार मुआवजा सौंपने का फैसला किया है.

बचाव अभियान जारी

इधर, इस आपदा में सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए एनटीपीसी सहित कई एजेंसियों द्वारा लगातार नौवें दिन बचाव अभियान पूरे जोरों से जारी है. एनटीपीसी की तरफ से बचाव दलों की टीमें सहायता करके समूचे बचाव अभियान का प्रबंधन कर रही हैं. एनटीपीसी ने हाई एंड सबमर्सिबल स्लश रिमूवल पंपों और मशीनरी को एयरलिफ्ट करके ऑपरेशन को तेज करने का प्रयास किया है.

एनटीपीसी के अनुसार, अचानक आई इस बाढ़ के खिलाफ तपोवन परियोजना चट्टान की तरह अडिग खड़ी रही. कंपनी के अनुसार, प्रकृति के प्रकोप को कम करने में इस परियोजना की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही. उल्लेखनीय है कि परियोजना के कारण बैराज ने कई गांवों को बह जाने से बचा लिया गया.

कार्यबल की स्थापना

एनटीपीसी ने एक कार्यबल की स्थापना की है. इस कार्यबल के द्वारा तपोवन स्थल पर प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने और प्रत्येक लापता श्रमिक के बारे में सभी आवश्यक जानकारी एकत्र की जा रही है. यहां बचाव अभियान के लिए सभी आवश्यक मशीनरी वर्तमान में उपलब्ध हैं. यहां किसी भी अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता को युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है. साथ ही, बचाव प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए इसमें शामिल एजेंसियों के साथ रीयल टाइम जानकारी साझा की जा रही है.