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आर्यन खान जमानत: मुकुल रोहतगी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दी पांच दलीलें

मुंबई (TBN – The Bihar Now डेस्क)| क्रूज शिप ड्रग मामले (cruise ship drug case) में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से जमानत की अर्जी दाखिल करने वाले आर्यन खान (Aryan Khan, son of Bollywood actor Shahrukh Khan) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने मंगलवार को अपना पक्ष रखा.

रोहतगी द्वारा मंगलवार को कोर्ट में दी गई पांच दलीलें इस प्रकार हैं:

1. अरबाज मर्चेंट (Arbaaz Merchant) द्वारा किए गए पदार्थ के “सचेत कब्जे” (Conscious possession) पर विचार नहीं किया जा सकता है.

रोहतगी ने कहा कि आर्यन खान के लिए यह जानना संभव नहीं हो सकता था कि अरबाज मर्चेंट के पास अपने जूतों में कंट्राबेंड (चरस) है, जिसका दावा खुद मर्चेंट ने किया है. चूंकि अरबाज मर्चेंट आर्यन खान का नौकर या अधीनस्थ नहीं था, इसलिए आर्यन को यह जानने का कोई अधिकार नहीं था कि अरबाज मर्चेंट अपने पास ड्रग रखता है.

2. आर्यन पर धारा 29 एनडीपीएस अधिनियम लगाना बाद का एक विचार (afterthought) है.

खान सहित तीन लोगों को 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, और फिर भी गिरफ्तारी मेमो में उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985) की धारा 29 (उकसाने और आपराधिक साजिश के लिए सजा) लागू नहीं की गई थी. हालांकि, जब आरोपियों के अगले सेट को अदालत में पेश किया गया, तो उसमें धारा 29 जोड़ दी गई.

3. एनडीपीएस अधिनियम की विधायी मंशा (Legislative intent) प्रतिशोधी नहीं बल्कि सुधारक –

रोहतगी के अनुसार, ड्रग की खपत व इतनी कम मात्रा में बरामदगी को जेल की बजाय नशामुक्ति केंद्रों में भेजा जाए. उन्होंने कहा कि आर्यन खान के खिलाफ धारा 8 (सी), 20 (बी) और 27 के तहत अपराध हैं, जो सभी उपभोग और उपयोग से संबंधित हैं, जिसके लिए सजा एक साल के लिए कारावास है.

4. व्हाट्सएप चैट साजिश को साबित नहीं करते –

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा भरोसा किए जाने वाले व्हाट्सएप चैट (WhatsApp chats) का आदान-प्रदान बहुत पहले किया गया था. उन चैट का आदान-प्रदान हो सकता है, क्योंकि उस समय आर्यन खान संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश में था, जहां भांग का सेवन करना कानूनी रूप से वैध है. इसको षडयंत्र तब माना जा सकता है जब सभी बीस आरोपी किसी खास मतलब से इसके लिए मिल चुके हों.

5. मामले में नशीले पदार्थ के सेवन का कोई वसूली या सबूत नहीं –

रोहतगी के कहा कि आर्यन खान से प्रतिबंधित पदार्थ की कोई बरामदगी नहीं हुई थी. साथ ही, एनसीबी के द्वारा सेवन के अपराध को प्रमाणित करने के लिए कोई भी मेडिकल टेस्ट नहीं किया गया था.

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वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने आज रोहतगी द्वारा की गई दलीलों का समर्थन किया, जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे ने मामले को स्थगित कर दिया. अब मामले की सुनवाई बुधवार को होगी.

इस बीच, मंगलवार को क्रूज शिप ड्रग मामले में आर्यन खान के दो सह-आरोपियों को सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी. मनीष राजगढ़िया और एविन साहू को विशेष न्यायाधीश वीवी पाटिल ने जमानत दी, जिन्होंने पहले खान और अन्य सह-आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.