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मंकीपॉक्स का संक्रमण कम, लेकिन बच्चों के लिए हो सकता है घातक : विशेषज्ञ

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| भारत में मंकीपॉक्स (Monkeypox in India reported) का पहला मामला सामने आने के बाद, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि इस वायरल बीमारी की संक्रामकता कम है लेकिन यह बच्चों के लिए यह घातक हो सकती है.

एम्स (AIIMS) के मेडिसिन विभाग के डॉ पीयूष रंजन (Dr. Piyush Ranjan) ने कहा, “मंकीपॉक्स की संक्रामकता कम है लेकिन बच्चों में यह घातक हो सकती है. COVID-19 में संक्रमण अधिक होता है, लेकिन मंकीपॉक्स का संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने के बाद होता है. इसलिए COVID में संक्रमण दर बहुत अधिक है और एक संक्रमित व्यक्ति कई को संक्रमित कर सकता है, लेकिन, मंकीपॉक्स कम संक्रामक है.”

मंकीपॉक्स के लक्षण

लक्षणों के बारे में बताते हुए डॉ रंजन ने कहा, “मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक और चेचक की तरह होते हैं. शुरुआत में, रोगियों को बुखार और लिम्फ नोड्स का बढ़ना होता है. 1-5 दिनों के बाद रोगी के चेहरे, हथेलियों या तलवों पर चकत्ते आ सकते हैं. मरीजों के कॉर्निया में रैशेज हो सकते हैं जिससे अंधापन हो सकता है.”

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने शुक्रवार को मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किया है. मंत्रालय ने आम जनता के लिए बीमारी के विरोधाभास से बचने के लिए विभिन्न सूचीबद्ध बिंदुओं को बताया है जिसमें बीमार लोगों के संपर्क से बचना और मृत या जंगली जानवरों के संपर्क से बचना शामिल है, विशेषकर कृन्तकों, बंदरों से.

मंत्रालय द्वारा आम जनता को भी सलाह दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति या प्रभावित व्यक्तियों या जानवरों के साथ निकट संपर्क में आता है, तो वह निकटतम स्वास्थ्य सुविधा जाकर डॉक्टर से मुलाकात करे.

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बताया कि देश भर में 15 वायरस रिसर्च और डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज, जो भौगोलिक रूप से अच्छी तरह से वितरित और रणनीतिक रूप से स्थित हैं, को पहले ही ICMR-NIV, पुणे द्वारा डायग्नोस्टिक टेस्ट में प्रशिक्षित किया जा चुका है ताकि देश में मंकीपॉक्स के बारे में पता लगाने के लिए तैयारियों में मदद मिल सके.

केरल में मंकीपॉक्स संक्रमित का पहला केस

बता दें, भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के आए एक यात्री में पहले मंकीपॉक्स मामले के बारे में पता चला, जो तीन दिन पहले केरल आया था. उस व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का गुरुवार को पता चला जब उसका टेस्ट पाज़िटिव आया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल के कोल्लम जिले में मंकीपॉक्स के पुष्ट मामले के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए केरल में एक उच्च-स्तरीय बहु-अनुशासनात्मक टीम भेजी है.

केरल की केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NDCC), डॉ आरएमएल अस्पताल, नई दिल्ली और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय, केरल के विशेषज्ञ शामिल हैं.

यह टीम राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की सिफारिश करेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करके और राज्यों के साथ समन्वय करके इस तरह के प्रकोप की संभावना के मामले में सक्रिय कदम उठा रहा है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है, “घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मंकीपॉक्स के बारे में नए निर्देश दिए हैं. यह घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों (Respiratory Droplets) के साथ लंबे समय तक संपर्क और बिस्तर जैसी दूषित सामग्री के निकट संपर्क से फैलता है.”