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Jio के समुद्री केबल से भारत और सिंगापुर से जुड़ेगा मालदीव, 200 TB से अधिक की होगी क्षमता

मुंबई (TBN – The Bihar Now डेस्क)| रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (Reliance Jio Infocomm Ltd.) अगली पीढ़ी का मल्टी-टेराबिट इंडिया-एशिया-एक्सप्रेस (India Asia Xpress) अंडरसी केबल सिस्टम मालदीव के हुलहुमले को कनेक्ट करेगा. उच्च क्षमता और हाई स्पीड वाला आईएक्स सिस्टम हुलहुमाले को सीधे भारत और सिंगापुर से जोड़ देगा.

मालदीव के पहले अंतरराष्ट्रीय केबल के लॉन्च के मौके पर बोलते हुए मालदीव के आर्थिक विकास मंत्री, उज़ फ़य्याज़ इस्माइल (Uz Fayyaz Ismail, Minister of Economic Development) ने कहा: “यह हमारे कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और सुरक्षित, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करने की दिशा में पहला कदम है यह हमारे लोगों के लिए विशाल अवसर प्रदान करेगा.

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना और खुद को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख संचार केंद्र के रूप में स्थापित करना है. आर्थिक विकास के अलावा, यह पूरे मालदीव में हाई-स्पीड इंटरनेट एक्सेस के माध्यम से सामाजिक विकास को गति देगा, जिससे हमें वह समान विकास प्राप्त करने में मदद मिलेगी जो हम चाहते हैं.”

रिलायंस जियो के अध्यक्ष मैथ्यू ओमन (Mathew Oommen, President, Reliance Jio) ने मालदीव सरकार और जियो के साथ काम करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा “आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था बेहतर ब्रॉडबैंड के दम पर चलती है, जो लोगों, व्यवसायों, सामग्री और सेवाओं को जोड़ती है. IAX न केवल मालदीव को दुनिया के कंटेंट हब से जोड़ेगा, बल्कि यह मालदीव सरकार द्वारा शुरू की जा रही कई नई पहलों से उपजी डेटा उच्च मांग को भी सपोर्ट करेगा.”

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IAX सिस्टम पश्चिम में मुंबई से निकल कर भारत को सीधे सिंगापुर से जोड़ेगा साथ ही मलेशिया और थाईलैंड को भी कनेक्ट करेगा. भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (आईईएक्स) सिस्टम मुंबई को मिलान, ईटली से जोड़ेगी और मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और भूमध्य सागर को भी कनेक्ट करेगी. IAX के 2023 के अंत में सेवा के लिए तैयार होने की उम्मीद है, जबकि IEX 2024 के मध्य में सेवा के लिए तैयार हो जाएगा.

ये हाई कैपेसिटी और हाई स्पीड वाले सिस्टम 16,000 किलोमीटर से अधिक, 100Gb/s की गति पर 200Tb/s से अधिक क्षमता प्रदान करेंगे. IEX और IAX मिलकर दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहद मजबूत बना देंगे, दूरसंचार क्षेत्र में यह दशक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव होगा.

(इनपुट-प्रेस विज्ञप्ति)