स्कूटर पर मवेशी ढुलाई वाले ‘चारा घोटाला’ में लालू दोषी करार, 21 को सजा का ऐलान
रांची (TBN डेस्क – एजेंसी)| चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में रांची सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि ने मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD chief and ex-Bihar Chief Minister Lalu Prasad Yadav found guilty in 5th Fodder Scam Case by a Special CBI court) सहित 75 आरोपितों को दोषी करार दिया है.
अदालत ने इनमें से 34 दोषियों को सजा सुनाई जबकि शेष 41 दोषियों की सजा के बिंदु पर 21 फरवरी से सुनवाई होगी, जिसमें लालू यादव भी शामिल हैं. वहीं, कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में 24 आरोपितों को बरी कर दिया है. सजा सुनाए जाने के वक्त लालू प्रसाद यादव कोर्ट में मौजूद थे.
अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद पुलिस ने लालू यादव को हिरासत में ले लिया. लालू के वकील की आग्रह पर उन्हें जेल न भेजकर RIMS भेज दिया गया. कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए लालू यादव को कोर्ट से होटवार जेल (Hotwar Jail, Ranchi) ले जाया गया जहां से उन्हें रिम्स भेजा गया. लालू यहां सजा का ऐलान होने तक यानि 21 फरवरी तक यहीं रहेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा
वहीं, अदालत द्वारा दोषी करार किए जाने के बाद लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा, ‘कोर्ट का आदेश सभी को मानना चाहिए. यह अंतिम फैसला नहीं है. 6 बार सजा सुनाई गई, हमने सभी मामलों के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. तो, यह अंतिम निर्णय नहीं है. लालू जी जरूर बरी होंगे. हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट है.
चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला
चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (RC 47A/96) में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने 99 आरोपितों के सजा के बिंदु पर सुनवाई की. इसमें 34 आरोपितों को दोषी मानते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई. इसमें दो राजनीतिज्ञ, दो पशुपालन अधिकारी, 11 पशुपालन पदाधिकारी तथा 19 आपूर्तिकर्ताओं को तीन – तीन साल की सजा सुनाई गई है. जिन लोगों को सजा सुनाई गई, उनमें राजनीतिज्ञ ध्रुव भगत को तीन साल और जगदीश शर्मा को तीन साल की सजा सुनाई गई है.
बाकी बचे 41 दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई 21 फरवरी से शुरू होगी. इसमें 10-10 लोगों को सजा सुनाई जाएगी. इसमें लालू प्रसाद भी शामिल हैं. लालू यादव तथा आरके राणा ने बीमारी का हवाला देते हुए वकील के माध्यम से कोर्ट में रिम्स में इलाज के लिए आवेदन दिया.
24 आरोपी हुए बरी
इस मामले में कोर्ट ने 24 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. बरी हुए आरोपितों में साकेत बिहारी लाल, दीनानाथ सहाय, राजेंद्र पांडेय, एनुल हक़, राम सेवक, मो हुसैन, कलशमनी कश्यप, सनाउल हक़, रंजीत सिन्हा, अनिल सिन्हा, बलदेव साहू, रमावतार शर्मा, चंचल सिन्हा, कुमारी अनिता प्रसाद, रामशंकर सिंह, प्रान्ति सिंह मधु मेहता और बसंत सिन्हा शामिल हैं.
क्या था यह मामला
950 करोड़ वाले चारा घोटाला के इस मामले में डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई थी. मामला 1990-92 के बीच का है. इस मामले में स्कूटर पर फर्जी रूप से पशुओं को ढोने की बात सामने आई थी. उस वक्त यह देश का पहला मामला था जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो.
चारा घोटाला के इस मामले में सीबीआई ने जांच की और पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया था. सीबीआई ने यह बात सामने लाई थी जिसमें 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया था. यह इसलिए किया गया था ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें! जांच में पाया गया कि पशुपालन विभाग द्वारा 1990-92 के दौरान 2.35 लाख रुपए में 50 सांड़, 14.05 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं गई थी.