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कोविड-19 संक्रमण काल में टेलीमेडिसिन बहुत ही उपयोगी : केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री

पटना (TBN डेस्क) | कोविड-19 (COVID-19 pandemic) के संक्रमण काल में टेलीमेडिसिन व्यवस्था एक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण माध्यम है तथा यह वरदान से कम नहीं है. ये बातें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा.

tbn ashwini kumar chaube on telemidicine technique

मंत्री ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं जिससे लोग घर बैठे अपने अस्पतालों में टेलीमेडिसिन के जरिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले सकते हैं.

चौबे शनिवार को युवा विकास सोसायटी के वाईवीएस विड मेड (YVS-Vidmed) टेलीमेडिसिन ऐप का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुभारंभ कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में टेलीमेडिसिन बहुत उपयोगी है. यह भारत के लिए बहुत आवश्यक है और कोविड 19 जैसे महामारी के वर्तमान समय में बहुत अधिक आवश्यक है.

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने बताया कि वर्तमान सरकार ने मौजूदा कॉलेजों में मेडिकल कॉलेजों और सीटों की संख्या में वृद्धि की है. इसके साथ हमें प्रौद्योगिकी और चिकित्सा का एकत्रित रूप , टेलीमेडिसिन को व्यापक रूप में विभिन्न डॉक्टरों और रोगियों द्वारा अपनाया जाना चाहिए.

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उनके अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थकेयर और हेल्थकेयर डिलीवरी में डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में कई पहल की हैं. ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की खाई को कम करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की योजना बनाई गई है और इस पर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भारत में टेलीमेडिसिन (टीएम) के उपयोग के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं.

कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्टीय अध्यक्ष तथा सुप्रसिद्ध कैंसर सर्जन डॉ सुबैया जी, एनएसडीसी के सीएमडी डॉ मनीष कुमार और टेलीमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया (TSI) के सचिव डॉ मूर्ति ने भी भागीदारी की.

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि युवा विकास परिषद द्वारा इस प्रकार की पहल कोरोना के वर्तमान परीक्षण समय में अधिक उपयोगी और आवश्यक हैं, जब मरीज अस्पतालों या डॉक्टरों के पास नहीं जा सकते.

उन्होंने बताया कि यह जानकर खुशी हुई कि यह एप हमारी स्थानीय भाषाओं में विकसित किया गया है क्योंकि भाषा स्वास्थ्य सेवा में एक प्रमुख भूमिका निभाती है. इससे रोगी को खुद समझा पाता है कि डॉक्टर क्या कह रहा है और इससे वह संतुष्ट हो नुस्खे का पालन करने लगता है.