भारत का पहला चावल का साइलो गोदाम बिहार में, वर्षों तक खराब नहीं होगा अनाज

डुमरांव (TBN – The Bihar Now डेस्क)| भारत का पहला चावल का साइलो गोदाम बक्सर इटाढ़ी के बैरी व कैमूर मोहनिया के सोंधियारा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा. यह बात शनिवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताई.
शनिवार को डुमरांव में आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने पत्रकारों को बताया कि शाहाबाद का क्षेत्र धान के कटोरा के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि इस साइलो गोदाम के शुरू होने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा. यह गोदाम 11 एकड़ में बनेगा तथा इसकी लागत राशि 33 करोड़ अनुमानित है.
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि 12500 मेट्रिक टन की क्षमता के साथ दोनों जगहों पर गेहूं का 37500 मेट्रिक टन की क्षमता साइलो गोदाम बनेगा. इसे साइंटिफिक तरीके से बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस गोदाम में रखा गया अनाज वर्षों बाद भी खराब नहीं होगा. इसे भारतीय खाद्य निगम द्वारा तैयार किया जायेगा.
राज्यमंत्री के अनुसार, गेंहू के लिए बिहार के 27 जिलों में साइलो गोदाम के लिए सर्वेक्षण कर लिया गया है. यह 50,000 मेट्रिक टन का होगा. इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पौष्टिकता सुरक्षा का भी अब गारंटी लेगा.
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उन्होंने बताया कि “आजादी के अमृत महोत्सव” के मौके पर प्रधानमंत्री ने कुपोषण को खत्म करने के लिए फोर्टीफाइड राइस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. सरकारी योजनाओं के तहत जो चावल का वितरण होता है, उसमें पोषण युक्त चावल भी होगा. पोषण युक्त चावल में आयरन, जिंक, फोलिक एसिड एवं अन्य विटामिन होता है.
इको सर्किट के निर्माण पर विचार
पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि बक्सर, कैमूर एवं रोहतास में सर्दी के मौसम में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए पर्यावरण एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से इको सर्किट का निर्माण कराने का विचार है.
उन्होंने कहा कि गोकुल जलाशय झील बक्सर जिले में एक महत्वपूर्ण जगह है. इसे पर्यावरण व पर्यटन के रूप में विकसित करने की संभावना है. इसे लेकर कार्य को गति प्रदान किया जायेगा. इस मौके पर भारतीय खाद्य निगम के जनरल मैनेजर संजीव कुमार बदानी उपस्थित थे.