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टोक्यो ओलंपिक: भारत की पुरुष हॉकी टीम 49 साल बाद सेमीफाइनल में

टोक्यो / जापान (TBN – The Bihar Now डेस्क)| 1972 के बाद भारतीय हॉकी टीम ने क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर इतिहास रच दिया है. अब 3 अगस्त को खेले जाने वाले सेमीफाइनल मैच में टीम इंडिया का मुकाबला बेल्जियम से होगा. उसी दिन दूसरा सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच खेला जाएगा. 5 अगस्त को फाइनल खेला जाएगा.

दरअसल, 1972 ओलिंपिक में सेमीफाइनल फॉर्मेट में हॉकी खेला गया था. इसके बाद 1976 में टीम इंडिया नॉकआउट में नहीं पहुंच पाई थी. 1980 में भारत ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, लेकिन उस ओलिंपिक में सेमीफाइनल फॉर्मेट नहीं था. ग्रुप स्टेज के बाद सबसे ज्यादा पॉइंट वाली 2 टीमें सीधे फाइनल खेली थीं. भारत ने 6 टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.

इससे पहले टीम इंडिया के लिए दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल दागे. पहले क्वार्टर फाइनल के इस मेच में भारतीय टीम ने ग्रेट ब्रिटेन पर शुरू से ही दवाब बनाए रखा था. इसी बीच 54वें मिनट में कप्तान मनप्रीत सिंह को अंपायर ने यलो कार्ड दिखाया. इसके बाद टीम 5 मिनट तक 10 खिलाड़ियों से खेल रही थी. पूरे मैच में टीम इंडिया ने शानदार काउंटर अटैक किया.

1972 के बाद पहली बार पूल स्टेज में 4 मैच जीते थे

टीम इंडिया ने 1972 के बाद पहली बार पूल स्टेज में 4 या इससे ज्यादा मुकाबले जीते थे. 1972 ओलिंपिक में भारत ने पूल स्टेज में 7 में से 5 मैच जीते थे. इसके बाद 2016 ओलिंपिक तक भारत ग्रुप स्टेज में 3 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाया. 1984 से 2016 तक तो भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में कभी 2 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाई थी.

पुरुष हॉकी में भारत ने 8 गोल्ड मेडल जीते हैं

भारत ने ओलिंपिक में सबसे ज्यादा मेडल पुरुष हॉकी में जीते हैं. टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा 1960 में सिल्वर और 1968 और 1972 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. 1980 मॉस्को ओलिंपिक के बाद भारत ने हॉकी में कोई मेडल नहीं जीता है.

1980 के बाद प्रदर्शन में थी गिरावट, पिछले 5 साल में टीम इंडिया का शानदार परफॉर्मेंस

1980 के बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई. 1984 लॉस एंजेलिस ओलिंपिक में 5वें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी. 2008 बीजिंग ओलिंपिक में तो टीम पहली बार क्वालिफाई ही नहीं कर सकी.

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2016 रियो ओलंपिक में भारतीय टीम आखिरी स्थान पर रही थी. पिछले पांच साल में भारत के प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार आया है. यही वजह रही कि टीम वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची. अब ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचकर टीम इंडिया ने एक बार फिर इतिहास दोहराया है.
(सौ:डीबी)