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भारत बना विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली- विश्व में किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आंकलन उसकी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधार पर किया जाता है. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक खुशखबरी अमेरिका के रिसर्च इंस्टीट्यूट वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू ने दी है. इंस्टीट्यूट के अनुसार भारत अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन  चुका है. इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भारत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मामले में 2,940 अरब डॉलर के साथ विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है. जीडीपी के मामले में भारत ने पिछले साल में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है. भारत की  आत्मनिर्भर बनने की पहले की पॉलिसी से भारत अब आगे बढ़ गया है और वह एक ओपन मार्केट वाली अर्थव्यवस्था के रूप में डेवलप हो रहा है”.

अर्थव्यवस्था में दुनिया के टॉप-10 देश

रैंकदेश2019 में जीडीपी (लाख करोड़ डॉलर)2019 में जीडीपी (लाख करोड़ रुपए)
1अमेरिका21.441522
2चीन14.141004
3जापान5.15365
4जर्मनी4284
5भारत2.94209
6ब्रिटेन2.83201
7फ्रांस2.71192
8इटली1.99141
9ब्राजील1.85131
10कनाडा1.73123

(जीडीपी के आंकड़े वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुसार)

अमेरिका के रिसर्च इंस्टीट्यूट वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट के अनुसार “भारत अब पुरानी नीतियों की बजाय ओपन मार्केट इकोनॉमी में खुद को डेवलप कर रहा है. भारत में 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण शुरू हुआ था. उस वक्त इंडस्ट्री पर नियंत्रण कम किया गया. विदेशी व्यापार और निवेश में भी छूट दी गई और सरकारी कंपनियों का निजीकरण शुरू हुआ था. इन वजहों से भारत की आर्थिक विकास दर में तेजी आई. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के मुताबिक भारत का सर्विस सेक्टर दुनिया के तेजी से बढ़ते सेक्टर में से एक है. देश की इकोनॉमी में इसका 60% और रोजगार में 28% योगदान है. मैन्युफैक्चरिंग और एग्रीकल्चर भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम सेक्टर हैं.

31 जनवरी को पेश आर्थिक सर्वेक्षण में भारत की जीडीपी ग्रोथ 5%  रहने का अनुमान लगाया गया है. यदि आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार जीडीपी ग्रोथ 5% रहती है तो यह 11 वर्ष में सबसे कम ग्रोथ होगी. सर्वे के अनुसार कहा गया है कि “ग्लोबल ग्रोथ में कमजोरी की वजह से भारत भी प्रभावित हो रहा है. फाइनेंशियल सेक्टर की दिक्कतों के चलते निवेश में कमी की वजह से भी चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ घटी. लेकिन, जितनी गिरावट आनी थी आ चुकी है. अगले वित्त वर्ष से ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है. सरकार ने 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर (355 लाख करोड़ रुपए) की इकोनॉमी तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है”.