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नालंदा : नव नालंदा महाविहार में देश-विदेश के बौद्ध विचारकों ने की महत्वपूर्ण चर्चा

नालंदा / पटना (The Bihar Now डेस्क)| नालंदा स्थित नव नालंदा महाविहार (Nava Nalanda Mahavihar, Nalanda) में गुरु पद्मसंभव (Guru Padmasambhava) के जीवन और जीवंत विरासत की खोज पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (two-day international conference) गुरुवार 29 अगस्त को महत्वपूर्ण और सार्थक चर्चा व विमर्श के साथ संपन्न हो गया.

इस सम्मेलन का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (International Buddhist Confederation), नई दिल्ली द्वारा नव नालंदा महाविहार, नालंदा के सहयोग से नालंदा में 28 और 29 अगस्त को नव नालंदा महाविहार में किया गया.

गुरु पद्मसंभव सम्मेलन के अंतिम सत्र में गुरु पद्मसंभव के जीवन, यात्रा और प्रकट रूपों के विभिन्न पहलुओं पर विद्वानों ने चर्चा की. सम्मेलन की समाप्ति अतिथि खेंपो चीमेद द्वारा एक समापन टिप्पणी के साथ हुई, जिन्होंने गुरु पद्मसंभव से संबंधित ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक साक्ष्यों की खोज में प्रयासों को तीव्र करने का आह्वान किया.

आईबीसी (IBC) के महानिदेशक अभिजीत हलदर महानिदेशक धन्यवाद ज्ञापन किया. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम गुरु पद्मसंभव पर एक विद्वत्तापूर्ण संवाद की शुरुआत भी है.

सम्मेलन में उनके बारे में कई कम ज्ञात तथ्यों पर पहली बार चर्चा की गई. उन्होंने सम्मेलन को सफल बनाने में सभी आयोजकों, वालंटियर और नव नालंदा महाविहार को उनकी निरंतर मेहनत के लिए धन्यवाद दिया.

दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में लुम्बिनी विकास ट्रस्ट के उपाध्यक्ष खेंपो चिमेड और भूटान के केंद्रीय मठ निकाय के रॉयल भूटान मंदिर के सचिव/मुख्य भिक्षु परम खेंपो उग्येन नामग्याल सहित कई देश के बौद्ध विचारक शामिल हुए.

(इनपुट-विज्ञप्ति)