शिक्षक एवं अन्य कर्मियों की आजीविका आखिर कैसे चलेगी – एसोसिएशन
बाढ़ (अखिलेश कु सिन्हा – The Bihar Now रिपोर्ट)| प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की बाढ़ इकाई ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि 12 अप्रैल के बाद विद्यालयों को बंद न रखा जाए.
बुधवार को एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल बाढ़ अनुमंडल के एसडीएम सुमित कुमार से मिला और मुख्यमंत्री के नाम से एक ज्ञापन सौंपा. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की बाढ़ इकाई के अध्यक्ष कौशलेन्द्र कुमार ने इसका नेतृत्व किया.
एसोसिएशन के द्वारा सौंपे गए इस पत्र में एसोसिएशन ने मांग की है कि 12 अप्रैल से शैक्षणिक संस्थाओं को खोल दिया जाए. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि छात्र सबसे अधिक अनुशासित होते हैं, जो अपने शिक्षकों के निर्देशों का अच्छी तरह से पालन करते हैं. फिर यदि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विद्यालयों में क्लासों का संचालन किया जाए तो इसमें आपत्ति क्यों है?
इस पत्र में आगे लिखा गया है कि विद्यालय के शिक्षक एवं उनके परिवार के जीवन यापन का एकमात्र स्रोत विद्यालय से प्राप्त होने वाला वेतन है. ऐसी स्थिति में अगर विद्यालयों को बंद रहने दिया गया तो इससे जुड़े शिक्षक एवं अन्य कर्मियों की आजीविका कैसे चलेगी.
एसोसिएशन ने पत्र में लिखा कि बार-बार विद्यालय के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. क्या इस तरह से विद्यालय बंद करने पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा रहा है.
बताते चलें कि राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सभी स्कूलों को 11 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया है.