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कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोग कितने सुरक्षित

पटना / नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क) | विश्वभर में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की तादात काफी है. अपने देश में भी कोरोना को हरा घर लौटने वाले बहुत हैं. किसी किसी राज्य में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 80% से ज्यादा भी है.

लेकिन अब एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा हो गया है कि क्या कोरोना संक्रमण से ठीक हो रहे ये लोग दुबारा संक्रमित नहीं हो सकते है ? इस सवाल पर विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोग विशेष सावधानियां बरतें क्योंकि ऐसे लोगों में फिर से संक्रमित होने का खतरा है. उनके अनुसार जिन लोगों के शरीर में कोरोना संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी कम बनी है और जो पहले से किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें सावधान रहने की जरूरत है.

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डॉ यश गुलाटी जो दिल्ली अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर हैं, के अनुसार कोरोना से लड़कर ठीक हुए लगभग एक तिहाई लोगों में पर्याप्त ऐन्टीबाडी नहीं बन रही है. ऐसे में इन लोगों को कोरोना से दुबारा संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है.

डॉ गुलाटी के अनुसार विश्व में कहीं भी लोगों में दुबारा कोरोना संक्रमण होने या न होने पर कोई शोध नहीं हुआ है. इस परिस्थिति में यह बहुत जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें, खासकर सांस, किड्नी और हृदय रोग के मरीज.

विशेषकर सांस के रोगियों में, जिनमें कोरोना से ठीक होने के बाद होने के बाद भी कई बार व्यक्ति के फेफड़े में कोरोना संक्रमण से पहले वाली ताकत नहीं रहती जितनी पहले थी. इसका कारण यह है कि कोरोना के चलते फेफड़े की नष्ट हुई जगह को ठीक होने के लिए वहां पर रेशे बनते हैं, जिससे फेफड़े का प्रभावी हिस्सा कम हो जाता है और उसमें फूलने की क्षमता भी कम हो जाती है.

इसी कारण डॉ गुलाटी कोरोना संक्रमण से ठीक हुए सांस के रोगियों को ठीक होने के बाद भी छाती और फेफड़ों का व्यायाम करते रहने की सलाह देते हैं.

दिल की बीमारी वालों के लिए

दिल की बीमारी वाले लोगों में कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद दिल की धमनियां भी प्रभावित हो जाती हैं जिससे दिल की धड़कनों की खांबी या दिल से खून को आगे भेजने की शक्ति कम हो सकती है. इसलिए ऐसे लोगों को कोरोना संक्रमण से ठीक होने के कुछ हफ्तों या महीनों बाद दिल की जांच कराना और यदि कोई कमी हो तो इसका इलाज कराना जरूरी होता है.

जोड़ों में बना रहता दर्द

कोरोना संक्रमण में मांसपेशियां काफी प्रभावित होती हैं जिस कारण कुछ जोड़ एवं मांसपेशियों में सूजन आ सकती है. करोना संक्रमण से प्रत्यक्ष रूप में ठीक होने के बाद लंबे समय तक तक मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द रह सकता है तथा कमजोरी भी महसूस हो सकती है. इससे निजात पाने के लिए पैरासिटामोल जैसी दर्द की साधारण दवाई के साथ कैल्शियम , विटामिन डी और फिजियोथैरेपी व्यायाम लेते रहने की सलाह दी जाती है.

कम एंटीबॉटी वालों को विशेष एहतियात

डॉ प्रवीण सिंघल, एम्स के पूर्व डॉक्टर के अनुसार यद्यपि देश की राजधानी में कोरोना से दुबारा संक्रमित होने का मामला प्रकाश में अभी तक नहीं आया है, फिर भी कम एंटीबॉडी वाले लोगों को अपना ख्याल विशेष रूप से रखने की जरूरत है. यह इसलिए है क्योंकि कम एंटीबॉडी वाले इन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहती है जिससे इन्हें दुबारा संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है. उनके अनुससर अमेरिका में कई लोगों के दुबारा संक्रमित होने का मामला प्रकाश में आया है.