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सभी निजी Cryptocoins पर लगेगा Ban, भारत सरकार जल्द ही लॉन्च करेगी डिजिटल Cryptocurrency

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में वैश्विक उछाल के बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय जल्द ही राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला करेगी. हालांकि सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे.

वीएचपी नेता गिरीश भारद्वाज (Girish Bharadwaj) को 10 नवंबर को लिखे एक पत्र में केंद्रीय उप निदेशक (मुद्रा) संजू यादव ने इस बात की पुष्टि की है कि सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को अभी भी भारत में कानूनी निविदा या सिक्का नहीं माना जाता है.

चिट्ठी में ये भी कहा गया कि सरकार भारत में एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा (digital currency) पेश कर सकती है. वीएचपी नेता ने आतंकवाद, ड्रग्स और अन्य ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’ के लिए इसके इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.

चिट्ठी में लिखा है, “आभासी मुद्राओं (वीसी) से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए सचिव आर्थिक मामलों की अध्यक्षता में गठित अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि इस मामले में लिए जाने वाले विनिर्देशों का प्रस्ताव है कि राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसियों को छोड़कर सभी निजी क्रिप्टो भारत में प्रतिबंधित है. इसके अलावा समिति का विचार था कि भारत में एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा की शुरूआत के संबंध में सलाह दी जाएगी. सरकार की सिफारिश पर निर्णय लिया जाएगा आईएमसी और विधायी प्रस्ताव, यदि कोई हो तो वह प्रक्रिया के बाद संसद में पेश किया जाएगा.”

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सोमवार को वित्त पर संसदीय स्थायी समिति ने उद्योग संघों और विशेषज्ञों के साथ ‘क्रिप्टोफाइनेंस: अवसर और चुनौतियां’ मामले पर एक बैठक की. इस बैठक में यह निष्कर्ष निकाला कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए. सांसदों द्वारा उठाई गई सबसे गंभीर चिंता निवेशकों के पैसे की सुरक्षा थी. सभी सांसदों में से किसी एक ने राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ के क्रिप्टोकरेंसी विज्ञापनों पर भी चिंता व्यक्त की.

विशेषज्ञों ने कहा कि क्रिप्टो निवेशकों के लोकतंत्र का एक प्रकार है. सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी को विनियमित करने और इसे केंद्र के कर ढांचे के तहत लाने की योजना बना रही है. बीते दिन पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी और संबंधित वित्तीय मुद्दों के लिए विशेषज्ञों के साथ एक बैठक भी की है. इस जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर चर्चा की गई है. वर्तमान में भारत में दो क्रिप्टो यूनिकॉर्न CoinSwitch, Kuber और CoinDCX हैं.

केंद्र पिछले दो सत्रों से संसद में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन को पेश करने की योजना बना रहा है. विधेयक का उद्देश्य सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करना और “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा” के लॉन्च के लिए नियामक ढांचा तैयार करना है. यह व्यापार, खनन और क्रिप्टो जारी करने पर प्रतिबंध लगाने से पहले 3-6 महीने की निकास अवधि भी निर्धारित करेगा.

आरबीआई राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकॉइन को विनियमित करने के लिए डीएलटी (डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी) का उपयोग करने की योजना बना रहा है. विधेयक पर अभी भी चर्चा चल रही है और इसे अभी कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है.
(इनपुट:आरबी)