पटना में बेतरतीब पक्षियों की मौत से बर्ड फ्लू की बढ़ी चिंता, अधिकारी सतर्क
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| शुक्रवार को पटना के राजीव नगर के पास एक मृत उल्लू मिला. एक दिन पहले ही पटना के लोदीपुर में एक कौवा मृत पाया गया था. इसके बाद कई राज्यों में बर्ड फ्लू के प्रकोप के बीच राजधानी पटना में निवासियों के बीच चिंताएं बढ़ रही हैं.
पटना के जिला पशुपालन अधिकारी डॉ एम ए शब्बर ने कहा कि राजीव नगर इलाके में आज एक उल्लू की मौत की सूचना मिली है. प्रथम दृष्टया, यह बर्ड फ्लू के मामले का संकेत नहीं देता है. हमने नमूने एकत्र किए हैं जो विस्तृत परीक्षा के लिए वायरोलॉजी लैब में भेजे जाएंगे.
आपको बता दें कि गुरुवार को राज्य की राजधानी लोदीपुर में बिहार वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन परिसर के अंदर एक कौआ मृत पाया गया था.
इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन (Animal Health and Production) के निदेशक डॉ उमेश ने कहा कि चूंकि कौवा का शव पुराना था इसलिए उसकी मौत के कारण का पता लगाना मुश्किल था. फिर भी उसके एकत्रित नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है और उसके परिणाम अभी भी प्रतीक्षित हैं. उनके अनुसार अभी तक पटना में बर्ड फ्लू के कोई भी मामले की पुष्टि नहीं हो पाई है.
आप यह खबर भी पढ़ें – पटना चिड़ियाघर में कार्डियक अरेस्ट से सबसे बुजुर्ग शेरनी की मौत
इस बीच, पटना चिड़ियाघर प्रशासन ने यहां पक्षियों के बीच संक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को तेज कर दिया है. पटना चिड़ियाघर के निदेशक अमित कुमार ने कहा, “हम 20 जनवरी के बाद 26 प्रजातियों के पक्षियों के नमूने कोलकाता पक्षी अनुसंधान केंद्र भेजेंगे. एक मेडिकल टीम नमूनों के लिए पक्षियों के झुंड, मिट्टी और मल इकट्ठा कर रही है.”
आपने यह खबर पढ़ी या नहीं – बिहार: कोविन पोर्टल पर 4.62 लाख हेल्थकेयर पेशेवरों ने कराया रेजिस्ट्रेशन
उन्होंने कहा कि हमारे पास बाहरी पक्षियों के साथ किसी भी संपर्क को रोकने के लिए एवियरी बाड़े हैं. नियमित आधार पर बाड़ों को बंद किया जा रहा है. जूकर्मी किसी भी असामान्य परिवर्तन का पता लगाने के लिए पक्षियों के व्यवहार पर नजर रख रहे हैं.
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि हम पशुपालन विभाग के नियमित संपर्क में हैं. अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला नहीं पाया गया है. उन्होंने बताया कि वन्यजीव अभयारण्यों और पक्षी अभयारण्यों में वन अधिकारी सतर्क हैं और वे खुले जल स्रोतों को भी देख रहे हैं.