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कार्तिकेय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, नीतीश ने कहा पहले से था पता

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| नीतीश कैबिनेट के पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पटना स्थित दानापुर कोर्ट (Danapur Civil Court) ने खारिज कर दी. इसके साथ ही उनकी गिरफ़्तारी पर लगी रोक भी खत्म ही गई जिस कारण अब उनकी किसी भी वक्त गिरफ़्तारी हो सकती है.

जैसा कि मालूम है, आरजेडी के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह के खास करीबी कार्तिकेय सिंह इसी साल पंचायत स्तरीय विधान परिषद पटना सीट से पहली बार चुनाव जीता था. उनके खिलाफ अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी था, जिसके लिए उन्हें दानापुर की एक अदालत ने गुरुवार 1 सितंबर तक अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी. बुधवार की सुबह ही वारंट विवाद को विराम देने के लिए कार्तिकेय को कानून मंत्री के पद से हटाकर गन्ना विभाग का मंत्री बनाया गया था.

कार्तिक सिंह की जमानत याचिका खारिज करते हुए दानापुर कोर्ट के एडीजे-3 सत्यनारायण शिवहरे ने कहा कि अभियुक्त कार्तिकेय ने उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं किया. जबकि जमानत याचिका का विरोध कर रहे अपर लोक अभियोजक ने कहा कि याचिका में आवश्यक तथ्यों को छिपाने का प्रयास किया गया.

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जमानत पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि जमानत आवेदन में एफआईआर और चार्जशीट की कॉपी तो लगाई गई, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेशों की कॉपी नहीं लगाई गई है और ना ही उनके फैक्ट का उल्लेख जमानत आवेदन में किया गया. इस तरह, मामले में तथ्यों और परिस्थितियों व विशेषकर इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उच्च न्यायालय ने पहले ही अग्रिम जमानत को खारिज किया है, इस अग्रिम जमानत आवेदन को कोर्ट ने खारिज कर दी.

इससे पहले जमानत पर फैसले के वक्त कार्तिकेय सिंह खुद कोर्ट नहीं पहुंचे थे. उनकी तरफ से पटना सिविल कोर्ट के वकील जनार्दन राय ने पक्ष रखा था. वकील जनार्दन राय ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कार्तिकेय को न्याय मिले. बहस करीब एक घंटे तक चली. 

फैसला शाम चार बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था. चार बजे जज ने कार्तिकेय की जमानत याचिका खारिज कर दी. ऐसी स्थिति में अब उन्हें या तो कोर्ट में सरेंडर करना पड़ेगा, नहीं तो उनकी गिरफ्तारी होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा मालूम था

इधर, अपहरण के मामले में आरजेडी एमएलसी व पूर्व मंत्री कार्तिक सिंह की जमानत याचिका खारिज होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस बारे में पहले से ही पता था. उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी पहले मिल गई थी जिस कारण कार्तिकेय से इस्तीफा ले लिया गया था.