अब खुद कीजिए कोरोना की जांच, जल्द मार्केट में आएगा होम टेस्टिंग किट

नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| अब लोग खुद ही घर पर कोरोना की जांच कर सकेंगे. जी हां, अब कोरोना की रेंडम जांच के लिए आपको ना तो स्वास्थ्य केंद्रों में जाने की आवश्यकता होगी और ना ही सैंपल कलेक्शन के लिए किसी को घर बुलाने की जरूरत है. संभवतः अगले हफ्ते से कोरोना जाँचने की यह किट, कोविसेल्फ़ (Coviself) बाजार में उपलब्ध हो जाएगी.
घर में कोविड जांच के लिए पहले टेस्टिंग किट कोविसेल्फ (CoviSelf) अगले सप्ताह के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगी. पुणे के माय लैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर सुजीत जैन ने न्यूज एजेंसी एएनआई को यह जानकारी दी है.
यह पहली होम टेस्टिंग किट है जिसे देश में इस्तेमाल के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मंजूरी दी है. उत्पादकों ने भारत में 90 फीसदी पिन कोड्स तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है, जबकि ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है. जैन ने कहा, ”अगले सप्ताह के अंत तक यह दवा की 7 लाख दुकानों और हमारे ऑनलाइन फार्मेसी पार्टनर्स के पास उपलब्ध होगी.”
आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि होम टेस्टिंग के लिए 1 कंपनी ने पहली ही आवेदन कर दिया है तो 3 अन्य कंपनियां पाइपलाइन में हैं. एक सप्ताह के भीतर 3 और कंपनियां होंगी, जो होम टेस्टिंग किट उपलब्ध कराएंगी.
इतनी होगी इस किट की कीमत
कोविसेल्फ किट की कीमत 250 रुपए होगी, जिसमें टैक्स शामिल है. किट के साथ एक मैन्युल होगा जिसमें बताया जाएगा कि बिना किसी स्वास्थ्यकर्मी की मदद लिए आप कैसे खुद ही कोरोना की जांच कर सकते हैं. चूंकि यह रेपिड एंटीजन टेस्ट है, इसमें केवल नेजल स्वैब की जरूरत होगी. टेस्ट में केवल 2 मिनट का समय लगेगा और 15 मिनट के भीतर आपको परिणाम पता चल जाएगा. पॉजिटिव रिपोर्ट उससे भी काफी पहले आ जाएगी. यदि रिपोर्ट 20 मिनट के बाद आती है तो यह अवैध माना जाएगा.
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कोरोना के लिए सेल्फ टेस्टिंग किट भारत के लिए नया है, लेकिन कई दूसरे देश पहले ही होम टेस्टिंग किट का इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं. कोरोना की दूसरी लहर में भारत में मार्च-अप्रैल में रिकॉर्ड संख्या में केस सामने आए, टेस्टिंग फैसिलिटीज पर भी काफी दबाव है और लोगों को परिणाम के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
आईसीएमआर ने पहले ही कह दिया है कि कोरोना जैसे लक्षण वाले लोगों को कोविड संभावित समझकर टेस्टिंग रिजल्ट आने से पहले इलाज शुरू कर दिया जाए. आईसीएमआर ने होम टेस्टिंग को लेकर यह भी कहा है कि हर किसी को यह जांच करने की आवश्यकता नहीं है. केवल वे लोग होम टेस्टिंग करें जिनमें लक्षण हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं.
माय लैब की मौजूदा उत्पादन क्षमता 70 लाख टेस्ट किट प्रति सप्ताह की है. 14 दिन के भीतर कंपनी क्षमता को 1 करोड़ तक बढ़ाना चाहती है. रेंडम टेस्ट में औसतन 400 रुपए का खर्च आता है तो आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए करीब 800 रुपए खर्च करने पड़ते हैं.
(सौ:हिंदुस्तान)