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दम तोड़ रहे हड़ताली शिक्षक

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PATNA (TBN रिपोर्ट) | बिहार में मध्य फरवरी से नियोजित शिक्षकों की हड़ताल जारी है. उनकी तरफ से यह हड़ताल “समान काम के लिए समान वेतन” की मांग (demands including equal pay for equal work) को लेकर की गई है.

इतने दी बीत जाने के बाद भी हड़ताल खत्म कराने को लेकर सरकार (Bihar government) और उनके (striking teachers) बीच कोई रास्ता नहीं निकल पाया है.

शनिवार को शिक्षक संघ ने दावा किया है कि इस हड़ताल की अवधि के दौरान 14 नियोजित शिक्षकों (contractual school teachers) की मौत हो चुकी है. उनकी तरफ से मृत शिक्षकों की एक लिस्ट भी जारी की गई गई है. संघ के अनुसार ये सभी मौतें पैसों के अभाव में हुई हैं. संघ ने दावा किया है कि बिहार में हड़ताली शिक्षकों की हालत कोरोना से ज्यादा खराब है. 

परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने शनिवार को भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री (Narendra Modi), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, बिहार के राज्यपाल सहित अन्य लोगों को एक पत्र भेजा. इसमें वेतन भुगतान न करने से हो रही नियोजित शिक्षकों की मौतों पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है.

आवेदन में उन्होंने लिखा है कि “बिहार में कार्यरत 4 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक (4 lakh contractual) राज्य कर्मी का दर्जा सहित (demands includes) मूल शिक्षकों (permanent teachers) के समरूप सुविधाओं की मांग को लेकर फरवरी 2020 की विभिन्न तिथियों से अनिश्चितकालीन हड़ताल (indefinite strike) पर हैं.

शिक्षकों की चल रही हड़ताल के बीच में ही कोरोना जनित वैश्विक आपदा (corona pandemic) को देखते हुए पूरे देश को लॉक डाउन (lockdown due to corona virus) कर दिया गया है. वर्णित स्थिति में सभी हड़ताली शिक्षक भी अपने सभी आंदोलनात्मक कार्यक्रमों को स्थगित कर लॉक डाउन का पालन कर और करा रहे हैं.

संघ का कहना है कि एक तरफ जहां राज्य सरकार (state government) सबके लिए राहत का इंतजाम कर रही है, वहीं राज्य के नियोजित शिक्षकों के साथ दमनात्मक व्यवहार कर रही है. 

संघ ने कहा है कि राज्य के लाखों नियोजित शिक्षकों के लिए नौकरी ही एकमात्र सहारा है. हड़ताल में सरकार द्वारा किए जा रहे निलंबन और प्राथमिकी की कार्रवाई से काफी तनाव से वे ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक का शिकार बनकर अपनी जान गवा रहे हैं.

संघ ने आवेदन में हड़ताल अवधि के दौरान हुए 14 मृत शिक्षकों की लिस्ट, उनकी मृत्यु का कारण के साथ भेजी है. संघ ने इन मौतों के लिए राज्य सरकार की जिम्मेवारी तय करने की मांग की है. साथ ही वेतन भुगतान से वंचित करने वालों पर मानवाधिकार के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की मांग की है.

संघ ने उनकी स्थिति पर गंभीरता व सहानुभूति पूर्वक विचार करने को कहा है. इस पर जल्द संज्ञान लेने और बिहार सरकार (bihar government) की हठधर्मिता के कारण मृत शिक्षकों की मौतों की जिम्मेवारी निर्धारित करते हुए हड़ताल समाप्ति हेतु समुचित कार्यवाई की जाए.