NMCH की ब’दसूरत तस्वीर, एक बेड पर डे’ड बॉडी और दूसरे पर मरीज
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | बिहार सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करें लेकिन हकीकत जानकर आप हैरान और परेशान हो जाएंगे. पटना का कोविड-19 अस्पताल एनएमसीए सिर्फ नाम का रह गया है. इस अस्पताल से हैरान करने वाली तस्वीरें फिर सामने आई हैं जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक बेड पर मरीज लेटा हुआ है तो वही दूसरे पर कोरोना वायरस से हुई मौत से डेडबॉडी पड़ी हुई है. इसके बाद प्रशासन पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या एनएमसीएच को देखने वाला या सुनने वाला है भी या कि नहीं.
स्वास्थ्य विभाग सिर्फ मीटिंग पर मीटिंग कर रहा है मगर ग्राउंड पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. एनएमसीएच के कोविड-19 वार्ड में आज मंगलवार को घंटों से दो डेड बॉडी पड़े हुए थे लेकिन उन्हें हटाने वाला कोई नहीं था. परिजनों ने एक टीवी चैनल को दिए गए वीडियो के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को हकीकत से रूबरू कराने की कोशिश की.
दरअसल बीते कुछ दिनों से एनएमसीएच से लगातार इस तरह की तस्वीरें सामने आ रही है कि कोरोनावायरस से हुए मौत के बाद मरीजों की डेड बॉडी घंटों वार्ड में ही छोड़ दी जा रही है. इस कारण कोरोना वार्ड में भर्ती दूसरे मरीज तथा उनके परिजन परेशान हो जा रहे है.
डेहरी ऑन सोन से आए एक परिजन संतोष कुमार ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि उसके मरीज की मौत आज दोपहर करीब 2:45 हो गई लेकिन घंटों बाद भी उनकी डेडबॉडी वहां पर ही वार्ड में ही छोड़ दिया गया तथा उसकी कोई सुध नहीं ले रहा. संतोष के अनुसार वार्ड में हॉस्पिटल के स्टाफ से बात करने पर सभी एक दूसरे पर मामला थोप दे रहे हैं.
वहीं पटना के नीतीश कुमार नामक एक अन्य परिजन ने बताया कि पिछले 8 घंटों से कोविड-19 वार्ड में दो डेड बॉडी पड़े हुए हैं लेकिन उसको हटाने के लिए कोई नहीं आ रहा है. नीतीश ने एक और बात बताई कि कोरोना मरीजों के साथ आए परिजन यदि मरीज को हॉस्पिटल स्टाफ के भरोसे छोड़ दें तो ये वार्ड के सभी मरीजों की जान ले लेंगे.
नीतीश के अनुसार कोई भी परिजन वहां उपस्थित स्टाफ के पास अपना प्रॉब्लम लेकर जाता है तो कोई कुछ नहीं सुनता है. नीतीश ने आगे बताया कि भले ही स्वास्थ्य मंत्री या स्वास्थ्य सचिव कह रहे हैं कि बहुत काम हो रहा है लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल उलट है.
इस स्थिति में तो सिर्फ यही कहा जा सकता है कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है. एनएमसीएच की स्थिति बता रही है कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. मीडिया में इस समाचार के चलने के बाद यह देखना है कि क्या स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ स्वास्थ्य विभाग जागता है या नहीं.