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राज्य के दूसरे टाइगर रिजर्व पर गहराये संकट के बादल

भभुआ / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार के दूसरे टाइगर रिजर्व (Bihar’s second tiger reserve) के रूप में कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Kaimur Wildlife Sanctuary) को मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन अभी तक इसका विस्तृत प्रस्ताव बिहार सरकार की ओर से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नहीं दिया (Bihar has not yet submitted the detailed report of Kaimur Wildlife Sanctuary to the Center) गया है. इस कारण सैद्धांतिक मंजूरी के बावजूद इस रिजर्व पर संकट के गहरे बादल छा गए हैं. यह बात राज्यसभा में सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi, Rajya Sabha MP) के सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कही.

राज्य सरकार ने नहीं भेजा विस्तृत प्रस्ताव

कैमूर में टाइगर रिजर्व बनने की राह देख रहे पर्यटकों को राज्यसभा से आई एक खबर थोड़ी निराश कर सकती है. राज्यसभा में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई. जानकारी के मुताबिक कैमूर टाइगर रिजर्व का विस्तृत प्रस्ताव अब तक राज्य से नहीं मिल पाया है. मंत्रालय ने अपने दिये जबाब में स्पष्ट लिखा है कि फिलहाल कैमूर में टाइगर रिजर्व बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी ही मिल पाई है.

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मंत्रालय की ओर से राज्य के सामने ये शर्त रखी गई है कि जल्द से जल्द इसका विस्तृत प्रस्ताव भेजा जाए. इस प्रस्ताव में राज्य से रिजर्व के जमीन की जानकारी, जिसमें कोर और बफर एरिया के साथ ही आस-पास के गांवों का ब्यौरा मांगा गया है. प्रस्ताव में देरी रिजर्व को बनाने में बड़ी परेशानी बन सकता है. मंत्रालय ने ये जानकारी राज्यसभा में सांसद सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में दिया है.

इतने बाघों की हो चुकी है मौत

मंत्रालय ने अपनी तरफ से दी गई सूचना में देशभर में बाघों की मौत के आंकड़े भी दिए हैं. इसके मुताबिक बिहार में 2021 में 4 बाघों की मौत हो हुई थी. वहीं, 2019 में 1 और 2020 में 1 बाघ की मौत हुई थी. राज्य में बाघों की कुल संख्या 31 बताई गई है. उत्तर प्रदेश में ये संख्या 173 है , जबकि झारखंड में 5 हैं. मौत के मामले में उत्तर प्रदेश में 2022 में 9 बाघों की मौत हुई , जबकि झारखंड में 2022 में किसी भी बाघ की मौत नही हुई.

(इनपुट-डीबी)