अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा, चीन ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नई टैरिफ नीति लागू करने की घोषणा के बाद चीन ने कड़ा रुख अपनाया है. चीन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि अमेरिका ने व्यापारिक प्रतिबंधों के जरिए आर्थिक युद्ध छेड़ने की शुरुआत की है, तो वह भी इसका डटकर मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है. चीन ने साफ शब्दों में कहा कि अगर अमेरिका इस व्यापार युद्ध को आगे बढ़ाने का इरादा रखता है, तो वह भी इसे अंत तक लड़ने से पीछे नहीं हटेगा.
चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी
अमेरिका में स्थित चीन के दूतावास ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, “अगर अमेरिका को युद्ध चाहिए, चाहे वह व्यापारिक युद्ध हो, टैरिफ युद्ध हो या किसी भी अन्य प्रकार का संघर्ष, तो हम भी इसे अंत तक लड़ने को तैयार हैं.” यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के बाद आई, जिसमें उन्होंने 2 अप्रैल से भारत, चीन और अन्य देशों पर नए टैरिफ शुल्क लगाने की बात कही थी.
ट्रंप का पलटवार – “अब हमारी बारी”
अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन और अन्य देशों द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए भारी शुल्क को “अनुचित” करार दिया. उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल से इन देशों पर टैरिफ शुल्क लागू किए जाएंगे.
ट्रंप ने कहा, “दूसरे देशों ने वर्षों तक हमारे खिलाफ टैरिफ लगाए हैं. अब समय आ गया है कि हम भी उन्हीं के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करें. यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा – क्या आपने इनके बारे में सुना है? इन सभी देशों ने हमारे उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ लगाए हैं, जो बेहद अनुचित हैं.”
ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया कि अब अमेरिका उन देशों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने जा रहा है, जिन्होंने अमेरिकी सामान पर भारी कर लगाया है.
चीन की आक्रामक प्रतिक्रिया
चीन ने ट्रंप प्रशासन की इस नीति का कड़ा विरोध किया है और स्पष्ट किया है कि वह अमेरिका की व्यापारिक रणनीति का पुरजोर मुकाबला करेगा. यह बयान दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर पहले से मौजूद मतभेद अब और गहरे हो सकते हैं.
चीन ने दो टूक कहा कि वह किसी भी आर्थिक संघर्ष से पीछे हटने वाला नहीं है और अगर अमेरिका व्यापारिक युद्ध को आगे बढ़ाता है, तो वह भी इसे अंत तक लड़ेगा.
वैश्विक बाजार पर असर
इस व्यापारिक तनाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह व्यापार युद्ध और गहराया, तो इसका असर अमेरिका और चीन के आर्थिक संबंधों के साथ-साथ वैश्विक व्यापार पर भी गंभीर रूप से पड़ सकता है.