“जमीन के बदले नौकरी” घोटाला: CBI ने लालू, राबड़ी व 14 अन्य के खिलाफ चार्जशीट की दाखिल
नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने शुक्रवार को बिहार के कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाला (Land for Jobs scam) मामले में बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई (CBI) ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनकी पत्नी राबड़ी देवी सहित 14 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में एजेंसी ने लालू की बेटी मीसा भारती और रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक को भी आरोपी बनाया है.
सूत्रों ने बताया कि अगस्त में CBI के तलाशी के दौरान करीब 200 जमीनों की बिक्री के दस्तावेज मिले. शुरुआती जांच के दौरान लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान नौकरी पाने वाले ऐसे 12 उम्मीदवार मिले, जिन्होंने अपनी जमीन को ट्रांसफर किया था.
मई में, केंद्रीय एजेंसी ने “रेलवे की नौकरी के लिए भूमि” मामले में एक FIR दर्ज की थी और मामले में आरोपी के रूप में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया, उनकी पत्नी और बेटियों सहित कई अन्य लोगों को नामजद किया था. इसके साथ ही लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों की भी तलाशी ली गई थी.
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जुलाई में, CBI ने एक आरोपी भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से भूमि के बदले नौकरी के मामले में लालू यादव के केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में विशेष अधिकारी हुआ करते थे. साथ ही एजेंसी ने रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार किया था, जो घोटाले के कथित लाभार्थी हैं.
नौकरी घोटाले के लिए जमीन
जांच एजेंसी CBI के अनुसार, इस घोटाले में कथित तौर पर कई लोगों ने लालू यादव के परिवार के सदस्यों या उनसे जुड़े लोगों को रेलवे विभाग में नौकरी के बदले जमीन दी थी. जमीनें आमतौर पर वे लोग उपहार में देते थे या दान दी देते थे, जिन्हें रेलवे में नौकरी की जरूरत होती थी.
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने ज्यादातर जमीन बेचने वालों को कैश में पैसे का भुगतान कर अधिग्रहण किया था.
इसके बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिना किसी विज्ञापन या पब्लिक नोटिस के रेलवे विभाग में ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए लोगों को कथित तौर पर चयनित किया गया था.
ये भर्ती घोटाला साल 2004 से 2009 के बीच के समय का है. आरोप है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने जॉब लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए थे. सीबीआई ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को एक प्राथमिकी में बदल दिया गया था.
एजेंसी के अनुसार, उम्मीदवारों को कथित तौर पर रेलवे अधिकारियों ने आनन-फानन में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर नौकरी दे दी. इन्हें ग्रुप-D स्तर के पदों पर विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया. बाद में नौकरी लेने वालों ने खुद या उनके परिवार के सदस्यों ने आरोपियों को अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी.
(इनपुट-न्यूज)