Breakingकाम की खबरकोरोनावायरसफीचर

स्वास्थ्य मंत्री के जिले में पैसा दो, वैक्सीन लो… ?

सिवान (TBN – The Bihar Now डेस्क)| कोरोना टीकाकरण पर बहुत सारे दावे किये जा रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इसको लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. लेकिन टीकाकरण के नाम पर अवैध वसूली भी हो रही है. और यह हुआ है स्वास्थ्य मंत्री के अपने जिला सिवान में.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल सिंह के अपने जिले सीवान में ही कोरोना वैक्सीन के नाम पर अवैध वसूली हो रही है. जल्दी वैक्सीन देने के नाम पर वहां 200 से 500 रुपए तक वसूल किये जा रहे हैं.

एक दैनिक समाचार-पत्र ने इस बावत स्टिंग किया. यह स्टिंग सिवान के जिला टीकाकरण अधिकारी (District Immunization Officer) के ऑफिस में किया गया. उस ऑफिस का एक कर्मचारी टीकाकरण के नाम पर अवैध वसूली करते हुए कैमरे में कैद हो गया.

दरअसल, जो लोग विदेश जाना चाह रहे हैं और उनको टीका लेना है तो इसके लिए कोवीशील्ड लगवाने की जिम्मेदारी सरकार द्वारा जिला टीकाकरण अधिकारी (DIO) को दी गई है. चूंकि टीका लेने वालों की लंबी लाइन दिनभर लग रही है, ऐसी स्थिति में बहुत सारे लोग जल्द टीका लेकर फ्री हो जाना चाहते हैं. इसी को उस ऑफिस के कर्मियों ने कमाई का धंधा बना लिया है. जल्दी टीका लगाने के नाम पर लोगों से 200 से 500 रुपये तक पैसा लेकर कमाई की जा रही है.

बता दें कि विदेश में काम करने वाले लोग लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वापस अपने कार्यस्थलों पर जाना शुरू कर दिया है. इसके लिए, सरकार के नियम के अनुसार उन सबों को कोवीशील्ड वैक्सीन लेना अनिवार्य है.

सूत्रों के अनुसार, सोनू कुमार नाम का एक युवक, जो सीवान के महुवल गांव का है, ने बताया कि उसे 30 जुलाई को विदेश जाना है. इस कारण कोवीशील्ड वैक्सीन लेने वह जिला टीकाकरण अधिकारी के ऑफिस आया था.

जिला टीकाकरण अधिकारी के ऑफिस में एक कर्मचारी ने सोनू से पूछा कि उसे टीका आज चाहिए या कल? साथ ही उसने कहा कि यदि टीका आज चाहिए तो 400 लगेंगे. सोनू ने आगे बताया कि 400 रुपए देने के बाद वह सुबह से लाइन में खड़ा है.

इसी तरह जिला के खुजवा गांव से आए इसरार हुसैन ने बताया कि वैक्सीन का पेपर बनवाने के लिए उसने भी 500 रुपए दिए हैं, लेकिन बावजूद इसके उसे अभी तक पेपर नहीं मिला.

इस बीच, पैसा मांगने वाले कर्मी को जैसे ही पत्रकार द्वारा वीडियो बनाने का पता चला, वह अपनी सीट को छोड़ वहां से फरार हो गया. टीका के नाम पर कर्मचारियों के द्वारा अवैध वसूली के बारे में जब जिला टीकाकरण अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया.