अब बिजली-बिल से मिलेगा छुटकारा
पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट)- बिहार विधुत विनियामक आयोग की ओर से बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत मिलने के आसार दिखाई दे रहे हैं. अब तक हर महीने के बिजली बिल में मीटर रेंट के पैसे भी जुड़ कर आते हैं और बिजली उपभोक्ताओं को बिल के साथ मीटर रेंट का भी भुगतान करना पड़ता है. घरेलू उपभोक्ताओं के घरों में सिंगल फेज मीटर का हर माह किराया 90 रुपए, थ्री फेज मीटर का किराया 120 रुपए, एलटी प्रीपेड सिंगल फेज मीटर का 80 रुपए और थ्री फेज का 110 रुपए है. अभी स्मार्ट मीटर का किराया 50 रुपए, थ्री फेज मीटर का किरया 100 रुपए, एलटी प्रीपेड सिंगल फेज मीटर का 80 रुपए और थ्री फेज मीटर का किराया 100 रुपए निर्धारित है.
विधुत विनियामक आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार “बिजली कंपनी मीटर की खरीद थोक भाव में करती है जिससे उसे काफी कम पैसे खर्च होते हैं. जबकि कंपनी उपभोक्ताओं से अनंत काल तक मीटर के नाम पर पैसे वसूल करती रहती है. आयोग यह व्यवस्था देगा कि कंपनी चाहे तो वह नए कनेक्शन के समय ही उपभोक्ताओं से एकमुश्त राशि ले, ताकि लोगों के लिए वह आर्थिक बोझ साबित न हो.बिजली उपभोक्ताओं के घरों से इलेक्ट्रॉनिक मीटर को हटाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाये”. आयोग के द्वारा 1 अप्रैल से बिजली की नई दरें लागू करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही हर महीने बसूले जाने वाले मीटर रेंट से भी उपभोक्ताओं को मुक्ति मिलने वाली है.
मीटर कंपनी अधिकारियों के अनुसार पहले बिजली उपभोक्ताओं के घरों में लगाए जाने वाले मीटर की कीमत 500 रुपये होती थी लेकिन अब मीटर की कीमत बढ़कर 1100 या 1200 रुपये हो चुकी है. अब विधुत विभाग के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीटर को हटाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का प्रावधान है जिनकी कीमत लगभग 2500 रुपये होगी. इस हिसाब से अगर देखा जाये तो कंपनी के मीटर की लागत दो-तीन वर्षों में ही वसूल हो जाती है लेकिन बिजली विभाग के द्वारा मीटर का किराया अनिश्चित काल तक वसूला जाता है. मीटर के जलने या मीटर के बदलवाने का भार भी उपभोक्ता की जेब पर ही पड़ता है.