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अवमानना मामले में बिहार डीजीपी की हुई फजीहत

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में बिहार के डीजीपी (BIhar DGP) को अवमानना के एक मामले को लेकर भारी फजीहत का सामना करना पड़ा. मामला था डीएसपी के पद पर प्रमोशन के बाद फिर से डिमोट किए गए एक पुलिस अधिकारी का.

दरअसल पटना हाईकोर्ट ने डीएसपी के पद पर प्रमोशन के बाद फिर से डिमोट किए गए एक अधिकारी के मामले में दिए आदेश के अवमानना को लेकर सुनवाई की. इस मामले में डीजीपी को कोर्ट ने तलब किया था. जिसके बाद कोर्ट में सुनवाई के दौरान डीजीपी एस.के. सिंघल की जमकर किरकिरी हुई.

इस मामले के अनुसार, त्रिपुरारी प्रसाद नाम के सब इंस्पेक्टर को राज्य सरकार ने 2013 में प्रमोशन देकर सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर और फिर 2019 में डीएसपी बनाया था. बाद में सरकार ने उन्हें यहकर डिमोशन कर दिया कि उनके खिलाफ 2006 में ही निगरानी विभाग ने केस दर्ज कर रखा है.

डीजीपी के खिलाफ अवमानना का आदेश

इसके बाद त्रिपुरारी प्रसाद डिमोशन के खिलाफ पटना हाईकोर्ट पहुंच. जहां 2021 में पटना हाईकोर्ट ने उनके डिमोशन रद्द करने का आदेश दिया. इसके बाद भी बिहार पुलिस ने कोर्ट के आदेश के मुताबिक कार्रवाई नहीं की. कोर्ट ने उन्हें डीएसपी पद पर बहाल करने का आदेश दिया था लेकिन डीजीपी ने आदेश नहीं माना जिसके बाद नाराज कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई चलायी.

कोर्ट के सवाल का जवाब नहीं दे पाए डीजीपी

जस्टिस पी.बी. बैजन्त्री की बेंच ने 17 अगस्त को बिहार के डीजीपी को पेश होने को आदेश दिया. इसके बाद कोर्ट के निर्देश पर बुधवार को बिहार के डीजीपी हाजिर हुए. तब कोर्ट ने उनसे पूछा कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया. कोर्ट के इस सवाल का जवाब डीजीपी और राज्य सरकार के वकील नहीं दे पा रहे थे. कोर्ट ने बार-बार डीजीपी से ये पूछा कि वे आज शाम तक प्रमोशन का आर्डर निकालेंगे या हम आपके खिलाफ चार्ज फ्रेम करें.

डीजीपी ने कहा कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे

इधर डीजीपी और उनकी तरफ से पेश हुए वकील दलील दे रहे थे कि याचिका दायर करने वाले त्रिपुरारी प्रसाद को प्रमोशन नहीं दिया जा सकता. इसके बाद कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि वह कुछ देर में ये फैसला लेंगे कि आगे क्या करना है. तब बिहार के डीजीपी ने कहा कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से कहा कि शाम 6 बजे तक आदेश निकालने से राहत दी जाए जिसे कोर्ट ने मान लिया.

(इनपुट-न्यूज)