आर्म लाइसेंस के 17 साल पुराने मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर मुकदमा चलाने की मंजूरी
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार सरकार ने एक सेवारत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आरएल चोंगथू (IAS officer RL Chongthu), जो वर्तमान में राज्यपाल के प्रमुख सचिव हैं, के खिलाफ 2004 में सहरसा में हथियार लाइसेंस जारी करने के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी (Bihar Government gives nod to prosecute senior IAS officer in old arms licence case) दे दी है. उन्हें उस समय जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया था.
सरकार के संयुक्त सचिव कार्यालय से जारी पत्र के मुताबिक, तत्कालीन जिलाधिकारी सह शस्त्र अनुज्ञापन पदाधिकारी सहरसा को अभियुक्त बनाते हुए उनके विरुद्ध भादवि की धारा 109, 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी एवं 30 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अभियोजन स्वीकृति के लिए आदेश 27 अप्रैल, 2022 के माध्यम से प्राप्त हुआ है. इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू हुई.
उनपर ऐसे आरोप थे कि अपात्र व्यक्तियों और फर्जी पहचान पत्र और पते जमा करने वालों को भी हथियारों के लाइसेंस दिए गए थे.
अधिकारियों के मुताबिक चोंगथू के सहरसा डीएम (Saharsa DM) के कार्यकाल में 229 लोगों को शस्त्र लाइसेंस जारी किये गए थे. बाद में, जब अनियमितताओं का पता चला, तो उनमें से 14 को रद्द कर दिया गया.
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अरविंद पांडेय (Arvind Pandey, IPS) के तहत जांच के दौरान यह पाया गया कि कई आवेदकों ने गलत व्यक्तिगत जानकारी प्रस्तुत की थी.
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2005 में तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल कुमार यादवेंदु (Anil Kumar Yadvendu) ने सात लोगों के खिलाफ सदर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था, जिन्होंने कथित तौर पर हथियार लाइसेंस हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज बनाए थे.
बाद में, जांच के क्रम में नियमों की अवहेलना और हथियारों के लाइसेंस के मुद्दे में घोर लापरवाही की बात सामने आई, तब 1997 बैच के आईएएस अधिकारी, चोंगथू को भी एक आरोपी बनाया गया था.