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बाढ़ में इन भूमिहीन बाढ़ पीड़ितों का क्या होगा

बगहा (इमरान अजीज – The Bihar Now) | खबर है कि बगहा में बाढ़ से दियारा का बांध क्षतिग्रस्त हो गया है तथा बाढ़ का पानी घुसने से दियारा में तबाही मच गई है. रेल लाइन के लिए अधिगृहीत जमीन के कच्चे बांध को गंडक नदी की मुड़ती धार ने अपनी आगोश में ले लिया है. बांध पर दियारा के निचले इलाकों से कई परिवार शरण लिए हुए हैं.

मामला बिहार यूपी सीमा पर स्थित पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा श्रीपत नगर का है जहां बाढ़ का पानी घुस कर नई मुसीबत ला दिया है. बताया जा रहा है कि इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से बीती रात 3.30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसके बाद गंडक नदी में उफ़ान के चलते बाढ़ और कटाव जैसे हालात निचले इलाकों में पैदा हो गए हैं और लोग मवेशियों के साथ बांध पर शरण लिए हुए हैं. लेकिन यदि यह बांध दरकने के साथ टूट गया तो जान माल की तबाही होगी.

आपको बताएं कि पनियहवा-तमकुही रोड़ रेल लाइन निर्माण के लिए यह बांध आधा अधूरा बनाकर छोड़ा गया है. बिहार उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत पिपरासी प्रखंड के सेमरा लवेदाहा श्रीपत नगर भैसहिया में 20 जनवरी 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने इस रूट में रेल लाइन के लिए शिलान्यास कर आधारशिला रखा था. जिसके बाद विगत वर्ष पिपरासी अंचल कार्यालय ने रेललाइन के लिए अधिगृहित जमीन पर पट्टाधारी दर्जनो बाढ़ पीड़ितों को बासगीत पर्चा देकर बसने की सलाह दिया था.

पिछले एक दशक से इसी बांध पर बाढ़ पीड़ितों ने अपना आशियाना बना लिया. अब बाढ़ की वर्षों से त्रासदी झेल रहे इन भूमिहीन बाढ़ पीड़ितों को कटाव की मार झेलनी पड़ सकती है. इसकी चिंता में लोग परेशान हैं और शासन व प्रशासन को कोस रहे हैं.