विभाग आपदा से निपटने को तैयार, जबकि फाटकों समेत बांध मरम्मती कार्य ही पूरा नहीं

वाल्मीकिनगर (TBN रिपोर्ट) | लॉकडाउन में एक तरफ सरकार कोरोना संकट से जूझ रही है तो वहीं दूसरी तरफ मानसून के समय में होने वाले बरसात से बाढ़ कटाव जैसी प्राकृतिक आपदा को लेकर भी विभाग चिंतित है. ऐसे में सरकार बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए बरसात पूर्व के तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
इसी कड़ी में इंडो नेपाल बॉर्डर पर लगातार वरीय अधिकारियों द्वारा गंडक बराज वाल्मीकिनगर का निरीक्षण किया जा रहा है. शनिवार को पुनः निरीक्षण करने दो दिवसीय दौरा पर पहुंची जल संसाधन विभाग के सिविल और मेकैनिकल के मुख्य अभियंताओं की टीम ने संयुक्त रूप से इंडो नेपाल सीमा स्थित गंडक नदी बराज के फाटकों और बांध का निरीक्षण किया.
मुख्य अभियंता ने जलसंसाधन विभाग के अन्य अधिकारियों से घण्टो विचार विमर्श कर ज़रूरी निर्देश दिया और बाकी कार्य समय रहते पूरा करने की बात कही.
बताया जा रहा है कि ऐतिहासिक गंडक बराज का सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है जहां मुख्य अभियंता एन के तिवारी ने बताया कि बाढ़ से पूर्व के तैयारियों का जायजा लेने के लिए जल संसाधन विभाग की संयुक्त टीम पहुंची है और दावा किया जा रहा है कि सभी फाटकों और बांध समेत अन्य की स्थिति फ़िलहाल सामान्य है.
आपको बताएं की कोविड-19 के संक्रमण में लॉकडाउन के चलते सीमावर्ती नेपाल के हिस्से वाले तीन जर्जर फाटकों को बदलने के साथ राइट साइड एफ्लक्स बांध की मरम्मती कार्य शुरू करने की इजाज़त नेपाल की ओर से नहीं मिली है. इसको लेकर थोड़ी चिंता ज़रूर है.
विगत वर्ष एक फाटक क्षतिग्रस्त होने से स्थिति बिगड़ी भी थी बावजूद इसके दावा किया गया है कि इस मानसून सत्र में बाढ़ और कटाव जैसी आपदा से निपटने की तैयारी कर ली गई है.
अब देखना होगा कि बरसात के मौसम में बाढ़ और कटाव समेत गंडक नदी के वाटर लेवल डिस्चार्ज बढ़ने की स्थिति में जल संसाधन विभाग की तैयारी और दावा कितना कारगर साबित होता है, जबकि फाटकों समेत बांध की मरम्मती कार्य ही पूरा नहीं किया जा सका है.