दोहरे हत्याकांड का उद्भेदन, तीन गिरफ्तार, दो अन्य के लिए छापेमारी जारी
मुंगेर (अभिषेक कुमार सिन्हा – The Bihar Now रिपोर्ट) | अमन कुमार – आदित्य कुमार दोहरे हत्याकांड में मुंगेर पुलिस ने अभी तक तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अपराधियों के नाम हैं रुस्तम यादव, अंबुज यादव और ऋषभ सिंह कुशवाहा. मुंगेर पुलिस की स्पेशल टीम इस दोहरे हत्याकांड में शामिल दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी कर रही है.
मुंगेर एसपी लिपि सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि जिला के तारापुर थानांतर्गत परभरा गांव के रहने वाले अमन कुमार और आदित्य कुमार को 17 जुलाई को उसके गांव के ही कुछ लोगों द्वारा धोखे से बुलाकर सुल्तानगंज ले जाया गया. फिर वहीं उन दोनों की हत्या कर दी गई. मृतक के परिजनों ने इस मामले का एफआईआर तारापुर थाने में दर्ज कराई थी.
एसपी के निर्देश पर इस हत्याकांड के अनुसंधान के लिए एक स्पेशल टीम गठित की गई जिसका नेतृत्व जिला सूचना इकाई प्रभारी शैलेश कुमार को सौंपा गया था. इस टीम में संग्रामपुर थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार, असरगंज थानाध्यक्ष स्वयंप्रभा, तारापुर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, हरपुर थानाध्यक्ष कमल किस्कू के अलावा जिला आसूचना इकाई के जवान शामिल थे.
इस हत्याकांड में दर्ज एफआईआर के नामजद अभियुक्त अंबुज यादव को हिरासत में लिया गया तथा उससे पूछताछ की गई जिसमें अंबुज ने ऋषभ कुशवाहा की संलिप्तता की बात कही. फिर ऋषभ को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.
पूछताछ में पता चला कि इस कांड के पीछे का कारण गांव का आपसी विवाद था. मृतक अमन के पिता पंकज सिंह कुशवाहा और मृतक आदित्य के पिता रवीन्द्र सिंह का गांव के ही विकास सिंह और राम सिंह से विवाद था. इसी विवाद के कारण विकास सिंह और राम सिंह ने हत्या की साजिश रची थी.
गिरफ्तार अपराधी अंबुज यादव की निशानदेही पर पुलिस ने सुल्तानगंज थाना अंतर्गत तिलकपुर इमामबाड़ा के पास गंगा नदी के किनारे से एक शव बरामद किया. शव गंगा नदी के किनारे बरसाती पौधों में फंसा हुआ था. ऋषभ और अंबुज की निशानदेही पर शराब की बोतल, सिगरेट के पैकेट और ग्लास बरामद किए गए हैं. दूसरा शव बरामद नहीं किया जा सका है तथा इसकी खोज जारी है. अमन और आदित्य का शव गायब करने के मामले में पुलिस फरार अभियुक्तों की तलाश में छापामारी कर रही है.
एसपी लिपि सिंह ने बताया कि परभरा गांव निवासी राम सिंह का जमीन तथा अन्य कारणों से मृतक अमन के पिता पंकज सिंह और आदित्य के पिता रवीन्द्र सिंह से विवाद चल रहा था. इसी विवाद के कारण राम सिंह ने पंकज सिंह और रवीन्द्र सिंह को सबक सिखाने के इरादे से अमन की हत्या की योजना बनाई थी. राम ने धमकी देकर गांव के ऋषभ और अंबुज को हत्या की इस योजना में शामिल किया था.
राम सिंह ने 10 जुलाई को अंबुज और ऋषभ के साथ मिलकर इस हत्या की योजना बनाई थी. इस साजिश के तहत अंबुज और ऋषभ ने 17 जुलाई को मृतक अमन और मृतक आदित्य को सुल्तानगंज तिलकपुर इमामबाड़ा ले जाकर जमकर शराब पिलाई. शराब पिलाने के बाद दोनों मृतकों को नहाने के बहाने गंगा नदी में ले जाया गया. ऋषभ और अंबुज दोनों ने मिलकर नहाने के दौरान ही आदित्य और अमन को मारकर गंगा नदी में बहा दिया.
हत्यारों ने कबूला अपना जुर्म
इस हत्याकांड मामले में गिरफ्तार ऋषभ सिंह कुशवाहा और अंबुज यादव ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है. इन दोनों के स्वीकारोक्ति बयान तथा वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन के अनुसार इस घटना का उद्भेदन पुलिस द्वारा किया गया है. हत्या में आपस में बातचीत के लिए अंबुज यादव के मोबाइल फोन का ही इस्तेमाल हुआ था और उसी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर मृतकों को बुलाया गया. वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन के दौरान ही हत्याकांड में दूसरे अभियुक्तों के शामिल होने की पुष्टि हुई है.
साजिश थी इलाके में जातीय तनाव पैदा करने की
इस दोहरे हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता अभियुक्त राम सिंह द्वारा इलाके में जातीय तनाव पैदा करने की भी साजिश थी. इसी कारण राम सिंह ने हत्या करने के लिए दूसरे समुदाय के लोगों को शामिल किया. लेकिन पुलिस द्वारा समय रहते इस कांड का उद्भेदन कर इलाके में विधि-व्यवस्था तथा सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश को विफल कर दिया.
एसपी लिपि सिंह ने कहा कि इस हत्याकांड मामले को काफी कम समय में उद्भेदन करने तथा अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पूरी स्पेशल टीम को पुरस्कृत किया जाएगा.