इस अस्पताल ने पिछले कई महीनों में बदल डाली है अपनी तस्वीर
बगहा (इमरान अजीज – The Bihar Now रिपोर्ट) | भले ही नेपाल और यूपी की सीमा पर स्थित बिहार राज्य का बगहा क्षेत्र इस बार विस चुनाव में मुद्दा बनता रहा हो, लेकिन यहां का अनुमंडलीय अस्पताल भी इस वक्त सुर्खियों में है. सुर्खियों में इसलिए नहीं है कि यहां कुव्यवस्था है, बल्कि इसलिए है क्योंकि इस अनुमंडलीय अस्पताल ने पिछले कई महीनों में अपनी तस्वीर बदली है.
बात दरअसल यह है कि अस्पताल की सूरत को एक युवा चिकित्सक ने अपने कार्यकुशलता की बदौलत बदल दी है. इसकी प्रशंसा इस अस्पताल में आए मरीज ही नहीं बल्कि आमजन भी कर रहे हैं.
इस अस्पताल में आनेवाले मरीजों का कहना है कि यहां के हालात अब अच्छे हो गए हैं. जहां पहले यहां डॉक्टरों को खोजना और ढूंढ़ना पड़ता था, अब यहां की व्यवस्था सुदृढ होने के बाद अस्पताल के गेट पर ही डॉक्टर आसानी से मिल जाते हैं. मरीजों का कहना है कि पहले तो यहां कभी डॉक्टर मिलते थे तो कभी गायब रहते थे.
मरीजों के मुताबिक, जब से इस अस्पताल की जिम्मेवारी एक युवा चिकित्सक को मिली है, यहां कम संसाधनों में ही व्यवस्थाओं में सुधार आई हैं और अस्पताल में डॉक्टर देर रात भी उपलब्ध रहते हैं और कोई कोताही भी नहीं दिखाते हैं.
अस्पताल उपाधीक्षक हैं इसके कर्णधार
इस हॉस्पिटल की व्यवस्था को ठीक करने वाले हैं डॉक्टर हैं 38 वर्षीय डॉ केबीएन सिंह. डॉ सिंह इस अस्पताल में चिकित्सक-सह-अस्पताल उपाधीक्षक के पद पर आसीन हैं. इन्होंने कोरोना-काल यानि पिछले 8 महीनों में एक भी छुट्टी नहीं ली है. वे अपने माता-पिता के सपनों को अपना आदर्श मानते हैं. डॉ सिंह ने कहा है कि यह अस्पताल आने वाले दिनों में इस इलाके में काफी प्रसिद्ध होने वाला है.
38 वर्षीय डॉ केबीएन सिंह का जन्म राज्य के मधेपुरा जिला के आलमनगर खुरहान में हुआ है. उन्होंने एमबीबीएस डिग्री हासिल कर फैमिली मैनेजमेंट और हॉस्पिटल मैनेजमेंट किया है तथा पिछले 10 सालों से चिकित्सीय सेवा में हैं. इनकी सबसे ख़ास बात यह है कि कोविड-19 काल में मरीजों की सेवा को लेकर इन्होंने अब तक एक भी छुट्टी नहीं लिया है.
डॉ केबीएन सिंह मरीजों की सेवा को ही अपना कर्म और धर्म मानते हैं. इसी कारण यहां के स्थानीय ग्रामीण और अस्पताल के मरीज़ इनकी सराहना करते नहीं थकते हैं. अपने उपाधीक्षक डॉ सिंह को देखकर इस अस्पताल के सभी स्टाफ भी चुस्त दुरुस्त होकर मरीजों की सेवा में जुटे हैं.
अंत में हम कह सकते हैं कि धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक बगहा अस्पताल में अपनी तत्परता और उत्कृष्ट योगदान देकर नया कीर्तिमान रच रहे हैं. इस अस्पताल में डॉक्टर तथा स्टाफ 24 घंटे सच्चे दिल से यहां के मरीजों की सेवा कर सिस्टम में बदलाव लाकर नजीर पेश कर रहे हैं.