आरजेडी विधायक का पानी में छपाछप; सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई धज्जियां

रोहतास (धनंजय तिवारी – The Bihar Now) – आपने अब तक बहुतों को पानी में खेलते देखा होगा. लेकिन आज हम आपको दिखाते हैं बिहार के एक एमएलए का जलक्रीड़ा. वो भी कोरोना काल में और वो भी बिना किसी सोशल डिस्टेंसिंग के.
यह रोहतास जिला के तिलौथू स्थित ‘तुतला-भवानी’ का झरना है. इस झरने के पानी में छपाछप करते ये हैं राजद के काराकाट विधायक संजय यादव. संजय यादव अपने समर्थकों के साथ झरना में मौज मस्ती कर रहे हैं.
कोरोना महामारी के संक्रमण के खतरे को धकियाते हुए ये माननीय एमएलए साहब अपने समर्थकों के साथ झरने के पानी में फुल मस्ती का मजा ले रहे हैं. एक तरह पूरा विश्व कोरोना संक्रमण सी बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को महत्वपूर्ण मान रहा है, इधर ये विधायक जी सामूहिक जलक्रीड़ा कर रहे हैं. संभवतः विधायक जी और उनके समर्थकों को कोरोना का भी नहीं है. शायद उन्हें ऐसा लगा हो कि उन जैसे रसूखदारों को कोरोना संक्रमण का भय नहीं है. वे इस मुगालते में हैं कि कोरोना उन्हें छू भी नही सकती.
विधायक और उनके समर्थकों का इस तरह का जल-क्रीड़ा सामान्यतः वाटर पार्क में देखने को मिलता है. लेकिन कोरोना महामारी के कारण देशभर में सभी वाटर पार्क बंद पड़े हैं. ऐसी स्थिति में विधायक जी अपने साथियों के साथ ‘तुतला भवानी’ के झरने के पानी को ही वाटर पार्क समझकर फुल मस्ती मना रहे हैं.
काराकाट के राजद विधायक संजय यादव आपण समर्थकों के साथ लगभग 40 गाड़ियों के काफिले के साथ तिलौथू के कैमूर पहाड़ी के तलहटी में स्थित ‘तुतला भवानी’ दर्शन करने आए थे. इसी दौरान वे कैमूर पहाड़ी से गिरने वाले झरने का अपने साथियों के साथ आनंद लेने लगे.
आश्चर्यजनक रूप से विधायक या उनके समर्थकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया. हास्यास्पद बात यह है कि विधायक संजय यादव ने कुछ दिनों पहले ही अपने को कोरोना संदिग्ध माना था और इस कारण उन्होंने अपने 45 सहयोगियों सहित अपना कोरोना जांच के लिए सैम्पल भिजवाया हैं. कोरोना संक्रमण तथा इसकी मारक क्षमता को जानते हुए भी जनप्रतिनिधि विधायक संजय यादव द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही की जाती रही.
और तो और, इस दौरान ना तो एमएलए के और न ही उनके किसी सहयोगी के चेहरे पर मास्क ही दिखी. पानी पानी खेलने के बाद एमएलए साहब कैमरे के सामने आकर यह कहा कि हम लोग कोरोना की जंग मिलकर जीतेंगे और इसके लिए यहां पूजा अर्चना भी करने आये हैं. उनके साथ उनके कई सहयोगी भी साथ खड़े रहें जिनके चेहरों पर मास्क नहीं था तथा किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग के मानक को पालन करना भी मुनासिब नहीं समझा था.
एक एमएलए जो एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होता है, इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता है. क्या कोरोना के संक्रमण को बढ़ाने के लिए एमएलए साहब का ये कारनामा काफी नहीं है. क्या उन्हें या उनके समर्थकों को यह आभास नहीं है कि कोरोना किसी रसूखदार या आम आदमी को नहीं पहचानता. काश एक जनप्रतिनिधि इतना लापरवाह नहीं होता.