कोरोना को हराने वालों के प्रति रखें सकारात्मक सोच – सिविल सर्जन
सिवान (TBN डेस्क) | पूरे विश्व के साथ साथ भारत और बिहार में भी कोरोना संक्रमण (COVID-19) के मामले रोज बढ़ रहे हैं. एक तरफ जहाँ कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर इस बीमारी से को हराकर ठीक होने वाले लोगों की भी संख्या बढ़ रही है.
सबसे बड़ी बात है की कोरोना से जंग के माहौल में समाज में कुछ अफवाहें भी तेजी से फैली है. यद्पि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को लॉकडाउन के साथ साथ सोशल डिस्टन्सिंग अपनाने की बात कही जा रही है, मगर कुछ लोग सोशल डिस्टन्सिंग को मानसिक एवं भावनात्मक दूरियों में तब्दील करते दिख रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के बारे में फैलाये जा रहे अफवाह का परिणाम है कि जिले में कोरोना से जंग जीत चुके लोगों को अभी भी सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है.
एक इंग्लिश पेपर ने एक कोरोना संक्रमित के बारे में एक लेख में लिखा है. इस लेख में us संक्रमित के 3 बार नेगेटिव आ चुकी जांच रिपोर्ट तथा उसके पूरे परिवार का 14 दिन क्वारंटाइन रहने के बारे में लिखा गया है. अब उसके परिवार में किसी को भी कोरोना का संक्रमण नहीं है. लेकिन भी समुदाय में कुछ लोग इसे काला जादू (Black Magic) से जोड़कर देख रहे हैं एवं उस व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार कर रहे हैं. इन बातों को गंभीरता से लेते हुए जिला के सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने लोगों से ऐसी अफवाहों से बचने की सलाह दी है.
दुबारा कोरोना का नहीं होता है फैलाव :
सिविल सर्जन डॉ. शर्मा ने बताया कोरोना को हराकर ठीक होने वाले व्यक्ति से भेदभाव न करें. बल्कि कोरोना को हराने में उनकी साहस को प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है जिससे सोशल डिस्टन्सिंग का पालन कर बचा जा सकता है.
उन्होंने बताया जो व्यक्ति बिलकुल ठीक हो चुके हैं, उनसे यह संक्रमण किसी और व्यक्ति में नहीं फ़ैल सकता है. इसलिए उनसे डरने की कोई जरूरत नहीं हैं. ऐसे व्यक्तियों से सामाजिक दूरी बनाने का बजाए उनका मनोबल बढ़ाए और उनके प्रति सकारात्मक सोच रखें.
कोरोना संक्रमित को मानसिक सहयोग देना चाहिए :
डॉ शर्मा ने कहा कि संकट की स्थिति में संक्रमित मरीज और उसके परिवार को सहायता और सहयोग की आवश्यकता होती है. मानसिक सहयोग से ज्यादातर लोग इस संक्रमण से बाहर निकल जाते हैं.