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गंडक नदी का बढ़ता जलस्तर बना चिंता का विषय

बगहा (इमरान अजीज की रिपोर्ट) | नेपाल से भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली नारायणी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से बिहार सरकार के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा केवल दो दिनों में ही 1.19 लाख से बढ़कर 1.63 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से नदी भयंकर उफान पर है. हालांकि इसको लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार नेपाल से संपर्क साधे हुए हैं.

इन दिनों भारत और पड़ोसी देश नेपाल के बीच आपसी रिश्तों में कड़वाहट की वजह से नेपाल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और सीमावर्ती नेपाल बिहार की सिंचाई और बाढ़ निरोधक योजनाओं में लगातार दखल दे रहा है. यहाँ तक कि लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के बाद भी नेपाल वाल्मीकि नगर में गंडक बराज पर नदी के राईट एफ्लक्स बांध की मरम्मत की अनुमति नहीं दे रहा है. क्यूंकि बांध की मरम्मत का कार्य शुरू होने से पूर्व लॉकडाउन शुरू हो गया इसलिए बाँध का कार्य रुक गया था. वहीँ बांध पर अगर पानी का दवाब बढ़ा तो बांध के टूटने की आशंका है. 

गंडक बराज नियंत्रण कक्ष से मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल की तीन संयुक्त टीम पल-पल वाटर लेवल की निगरानी में जुटी हुई हैं. वहीं सीसीटीवी कैमरों से भी मॉनिटरिंग किया जा रहा है. बिहार के अधिकारी राईट एफ्लक्स बांध की मरम्मत के लिए गंभीर हैं, लेकिन नेपाल  इस मसले को गंभीरता से न लेकर हल्के में ले रहा है. इस विषय को लेकर बिहार के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार संपर्क करने की कोशिश करते हुए कई बार पत्र भी लिखा गया है, लेकिन नेपाल लॉकडाउन का कारण बताकर पल्ला झाड़ता रहा है. ऐसे में नदी का बढ़ता जलस्तर कहीं कोई मुश्किल न खड़ी कर दे. हालाकि निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता ने ‘आल इज वेल’ का दावा तो ज़रूर किया है, इसके बावजूद दबाव की स्थिति में बाढ़ और कटाव जैसे हालात से इंकार नहीं किया जा सकता है.

ज्ञात हो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज के कुल 36 फाटक हैं. इसमें आधा 18 फाटक नेपाल के हिस्से में पड़ता है. भारत के हिस्से में पड़ने वाले बांध की मरम्मत हो चुकी है, लेकिन नेपाल सीमा एरिया में पड़ने वाले बांध की मरम्मत का काम बाकी है. बिहार में मानसून के शुरुआत में अनुमान से ज्यादा वर्षा हो रही है. भारी बारिश होने के बाद बांध पर पानी का दबाव बढ़ेगा. ऐसे में अगर नेपाल की ओर से राईट एफ्लक्स बांध टूटा तो बिहार को भारी नुकसान की सम्भावना है.

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष से नदी और फाटक समेत जलस्तर बढ़ने की निगरानी में जुटी हुई टीम की ओर से फ़िलहाल सब कुछ सामान्य होने का दावा किया जा रहा है. अब देखना होगा मानसून के चलते भारी बारिश के बाद बाढ़ और कटाव की हालात में बांध की वजह से किस प्रकार की स्तिथि उत्पन्न होती है.