गया: पिंडदानियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन सतर्क
गया (The Bihar Now डेस्क)| पितृपक्ष मेले में पिंडदानियों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने सक्रियता दिखाई है. पुलिस इस बात का ध्यान रख रही है कि पिंडदान करने वाले लोग सुरक्षित रहें. इसके लिए उन्होंने विशेष उपाय किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो. पुलिस ने अपने जवानों को तैनात किया है और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
पितृपक्ष मेले के दौरान गयाजी में हर दिन तीर्थयात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. रोज लगभग एक लाख से सवा लाख लोग पिंडदान कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन के लिए सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है. मेले के दौरान भीड़ को देखते हुए पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है. मेला क्षेत्र में हर जगह पुलिस के जवान तैनात हैं और सभी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.
पुलिस सुरक्षा प्रदान करने से लेकर यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मेहनत कर रही है. पिंडदानियों की सुरक्षा में कोई कमी न रहे, इसके लिए एसएसपी आशीष भारती खुद सुबह से शाम तक सड़कों पर गश्त कर रहे हैं. वे सुबह-सुबह सड़कों और पिंड वेदियों की सुरक्षा का मुआयना कर रहे हैं. आधी रात को पिंडदानियों के ठहरने वाले शिविर में जाकर एसएसपी आशीष भारती सुरक्षा व्यवस्था का फीडबैक भी ले रहे हैं.
पिंडदानियों के लिए ठहरने, खाने-पीने, सफाई, स्वास्थ्य, यातायात और सुरक्षा की पूरी तैयारी की गई है. पुलिस कर्मी सुरक्षा के साथ-साथ सहानुभूति भी दिखा रहे हैं. पिछले साल की तुलना में इस बार पिंडदानियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए इस बार सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं.
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विष्णुपद मंदिर और उसके आस-पास के क्षेत्रों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है. मेला क्षेत्र को 17 सुपर जोन और 42 जोन में 339 सेक्टर में सुरक्षित रखा गया है. पूरे मेले के क्षेत्र में 5000 से अधिक पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.
पुलिस की विशेष निगरानी विष्णुपद मंदिर क्षेत्र, रेलवे स्टेशन और प्रेतशिला क्षेत्र पर है. भगदड़, चोरी और छिनतई जैसी घटनाओं से बचने के लिए पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं. सुरक्षा के लिए सभी सरोवरों और देवघाट में एसडीआरएफ, गोताखोर, लाइव जैकेट और नावें तैनात हैं. मेला क्षेत्र में ड्रोन कैमरों से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. इसके अलावा, दो प्लाटून घुड़सवार भी तैनात किए गए हैं. SSP खुद पूरे गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं.