पीएम मोदी के आत्मनिर्भरता के मूलमंत्र को साकार करता यह गाँव…
पश्चिम चम्पारण (इमरान अजीज की स्पेशल रिपोर्ट) | पीएम मोदी के आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र को साकार करता बिहार का एक छोटा सा गांव जमादार टोला, जहां हर घर में हैं हुनरमंद और अपनी कला के जौहर से बना रहे हैं कीर्तिमान…
कहते हैं उम्र थका नहीं सकती, ठोकरें गिरा नहीं सकती,
अगर जीतने की जिद हो तो परिस्थितियां हरा नहीं सकती…
ज़ी हां, … कुछ ऐसी हीं कहानी है पश्चिम चम्पारण जिले के एक गांव की, जहां के लोगों ने अपने हुनर के दम पर इस गांव को पीएम के सपनों का गांव बना दिया है और अब इस गांव को लोग ‘हुनरमंदों का गांव’ के नाम से भी जानने लगे हैं. आत्मनिर्भरता का बेहतरीन अनूठा उदाहरण पेश करता यह गांव आज पूरे देश के लिए नजीर बन गया है. क्या हैं हुनरमंदो के आत्मनिर्भर गांव की कहानी पढ़िए इमरान अजीज की इस ख़ास रिपोर्ट में……
पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय से क़रीब 45 किलोमीटर दूर बगहा प्रखंड का यह है सिसवा बसंतपुर पंचायत का जमादार टोला गांव. यह गांव देखने मे देश के अन्य गांवों की तरह हीं है लेकिन यहाँ के लोग बेहद खास है और इन गांव वालों के हाथ मे जो हुनर हैं, वह इन्हें देश के बाकी गांवों से अलग करता है. इसका कारण है, यहाँ के हर घर में हुनरमंद लोगों का मिलना.
फिर चाहे लोहा को पीटकर औजार बनाने वाले हो या फिर सोने को पिघलाकर आभूषण बनाने वाले, लकड़ी को काटकर फर्नीचर बनाना हो, मोबाईल बनाना हो या फिर किसी के घर को पेंट कर नया रूप देना हो. गांव के हुनरमंद लोगों का एक जगह जमावड़ा शायद ही आपने कही देखा और सुना होगा.
महात्मा गांधी ने कहा था कि देश का विकास तभी संभव है जब गांव का विकास होगा. ऐसे में सत्याग्रह की धरती पर अपने हाथ के हुनर से इस गांव के लोगों ने विकास की एक नई ईबारत लिख दी है. आलम यह है कि इस गांव से सटे आस-पास के लगभग 30 गांवों के लिए हुनरमंदों का यह गांव हर छोटी बड़ी जरूरतों को पूरा करता है.
आस-पास के गांव के लोग अपने किसी भी जरूरत के लिए शहर की ओर रुख नहीं करते. उनकी हर जरूरत को यह गांव और यहां के लोग पूरा करते हैं. इससे इस गांव के लोगों का जीवन यापन भी बेहतर तरीके से हो रहा है और आत्मनिर्भर भारत की एक ऐसी तस्वीर भी देखने को मिल रही है जिसका सपना देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देखा है.
यहीं वजह है कि भारत सरकार के पूर्व पेट्रोलियम सचिव और बीजेपी विधायक राघव शरण पांडेय ने इन मजदूरों और हुनरमंद ग्रामीणों की सराहना करते है. वे राज्य और केंद्र सरकार से इन्हें प्रोत्साहित करने की मांग करते हुए यहां के लोगों की कारस्तानी से बेहद आह्लादित हैं.
बगहा के जमादार टोला गांव की जनसंख्या भले ही कम है लेकिन आत्मनिर्भरता की जो तस्वीर इस गांव में देखने को मिल रही है वह वाकई में अनोखी और बेमिसाल है. ऐसे में जरूरत है कि हुनरमंदों के इस गांव को सरकारी स्तर पर सहायता देकर इनके हुनर को तराशा जाए ताकि यह गांव पूरे देश में आत्मनिर्भरता की मिशाल बन सके और हुनर के इस मॉडल को अपना कर देश में आत्मनिर्भरता की गाड़ी सरपट दौड़ सके.