क्या शराबबंदी कानून सिर्फ एक दिखावा है – पटना हाइकोर्ट
पटना (न्यायालय रिपोर्टर) | पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार से पूछा है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद यहां पुलिस द्वारा सैकड़ों लीटर शराब कैसे जब्त की जाती है. न्यायालय ने जानना चाहा कि बिहार पुलिस बड़ी मात्रा में शराब कैसे जप्त कर रही है? माननीय न्यायालय ने जिलाधिकारियों को 13 फरवरी तक न्यायालय के समक्ष यह बताने को कहा है कि उनके जिले में शराबबंदी कानून कितना प्रभावी है. पटना हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ.अनिल कुमार उपाध्याय की पीठ बुधवार को विकास कुमार सहित अन्य लोगों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बुधवार को यह आदेश दिया.
माननीय हाईकोर्ट का कहना था कि जब प्रदेश में शराब की पूर्ण बंदी है तो दूसरे राज्यों से यहां शराब की बड़ी खेप कैसे आ जा रही है. जबकि प्रदेश में जगह-जगह चेकपोस्ट, थाना तथा बैरियर है. कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में लगातार शराब का मिलना आश्चर्य की बात है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा तभी संभव है जब पुलिस एवं उत्पाद अधिकारियों की शराब की तस्करी करने वालों से मिलीभगत हो. कोर्ट ने कहा कि शराबबंदी कानून को लागू करने की जिम्मेवारी डीएम की है. शराब की लगातार जब्ती पर माननीय कोर्ट ने शराबबंदी कानून को सिर्फ एक दिखावा माना है.