NH 98 पर जाम से जनता परेशान
पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट)- परिवहन विभाग द्वारा बनाये गए यातायात के नियमों का पालन करना अनिवार्य है. लेकिन क्या लोग सच में यातायात के नियमों का पालन करते हैं. अगर हम सब यातायात के नियमों का पालन करते तो सड़क पर ट्रैफिक जाम जैसी समस्या का हमेशा के लिए निपटारा हो जाता. आज हम बात करने जा रहे हैं और प्रशासन को अवगत कराने जा रहे हैं NH 98 पर लगने वाले लम्बे ट्रैफिक जाम की समस्या से और जाम के कारण होने वाली परेशानियों से.
महीनों से पटना के अनीसाबाद से औरंगाबाद हरिहर गंज तक जाने वाली मुख्य सड़क नेशनल हाइवे 98 पर ट्रैफिक जाम की समस्या से जनता बहुत परेशान है. जाम का मुख्य कारण ट्रकों का जल्दी आगे निकलने के लिए गलत तरीके से ओवरटेक करना है. जिसकी वजह से एक साथ 3 से चार लाइन में चल रहे वाहनों से जाम की समस्या बढ़ती ही जा रही है. रोज़ाना स्कूल जाने वाले बच्चे देरी से स्कूल पहुँचते हैं और कई बार जाम में घण्टों तक फंसे रहने के कारण स्कूल जाने में देरी हो जाने से बच्चों को घर लौटना पड़ता है. पटना एम्स में इलाज के लिए लम्बी दूरी तय कर दूर से आने वाले मरीज एवं मरीजों के परिजन घंटों तक लगने वाले जाम में फंसकर परेशान हो जाते हैं और स्थानीय ग्रामीण एम्बुलेंस को किसी तरह से दूसरे रास्ते से जाने की सलाह देते हैं. NH 98 से एम्स पहुंचने का महज दस से पंद्रह मिनट का रास्ता है लेकिन मजबूरन उस रास्ते को छोड़ वैकल्पिक मार्ग सोन नहर या शिवाला खगौल होकर एम्स जाना पड़ता है जो बहुत लम्बी दूरी का रास्ता है. जिसकी वजह से बहुत अधिक समय लगता है.
फुलवारी से नौबतपुर के आसपास के ग्रामीण युवक खुद सडक़ पर आकर जाम को ख़त्म करने का प्रयास करते हैं और इस प्रशासन का काम ग्रामीण युवकों को करना पड़ रहा है. जाम की स्तिथि इतनी ज्यादा भयंकर हो चुकी है कि दिन रात शाम से सुबह तक हर वक्त चिरौरा, बादीपुर,सिमरा बग्गा टोला ,चकमुसा , महंगूपुर , बादीपुर ,मोतीपुर के पास सड़क पर ट्रकों की लम्बी कतारें लगी रहती है ऐसा लगता है मानो नेशनल हाइवे ट्रकों का गैराज बन चुका है. पटना शहर में जाम को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन चकमुसा के पास बैरियर लगाकर ट्रकों को शहर में आने से रोकती है और कुछ घंटो के बाद बैरियर हटाकर ट्रकों को रास्ता दे दिया जाता है.
नेशनल हाइवे के पास से गुजर रहे सोन नहर पर बनी सड़क पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक है केवल छोटे वाहन ही जा सकते हैं लेकिन भारी वाहनों की आवाजाही से कारण भारी वाहन फंसने से वहां भी जाम कि विषम परिस्तिथि उत्पन्न हो गयी है. ट्रैफिक जाम में फंसकर परेशान होने वाले ट्रक वालो का कहना है कि “पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण जाम की समस्या बन रही है . जो भी ट्रक चालक पुलिस वालों को पैसे देते हैं उन्हें प्रशासन जाने देती है और वही ट्रक वाले ओवरटेक कर जाम लगाते हैं”.
जाम की समस्या से जनता, ट्रक चालक,मरीज एवं उनके परिजन परेशान होकर प्रशासन को कोसते हैं. महाजाम पटना-औरंगाबाद एनएच 98 पर कई किलो मीटर लंबा लगा रहता है. जिसकी वजह से सड़क पर महाजाम की वजह से यात्री समेत स्थानीय लोगों की भी परेशानी हो रही है. सोन नदी से रोज़ाना बालू की ढुलाई की जाती है जिसकी वजह से प्रतिदिन लगभग 10 से 12 हजार ट्रकों से बालू की ढुलाई की हो रही है
इसका असर फुलवारी ,बिक्रम और नौबतपुर प्रखंड इलाके में पिछले दो महीने से देखने को मिल रहा हैं. प्रशासनिक अधिकारियों को इस सारे प्रकरण की जानकारी है. लेकिन प्रशासन ने इस सारे मामले में चुप्पी साध रखी है. प्रशासनिक अधिकारी भी मूकदर्शक बने हुए हैं. फुलवारी जनीपुर नौबतपुर थाना की पुलिस जाम हटाने का प्रयास जरूर करती है लेकिन कुछ देर के बाद पुलिस अन्य कार्यों में व्यस्त हो जाती है और पुनः जाम लग जाता है. ट्रैफिक पुलिस फुलवारी में शहीद भगत सिंह चौक नौबतपुर बाजार के चौराहो पर ही नजर आती है. जबकि ग्रामीण इलाके में ट्रैफिक पुलिस की सख्त जरूरत है लेकिन वहाँ उनकी ड्यूटी नही लगाई जा रही है.
सरकार, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक जाम की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए इस समस्या का निवारण करने के विषय में ठोस कदम उठाने चाहिए. सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि जो भी इस मामले में लापरवाही बरतते हैं उनके ऊपर उचित कार्यवाही करनी चाहिए.