लॉकडाउन और बारिश के साथ नीलगायों के आतंक से किसान परेशान
पश्चिम चंपारण (TBN रिपोर्ट) | ख़बर पश्चिम चंपारण जिला से है जहां ग्रामीण एवं दियारा इलाको में नीलगायों का आतंक बढ़ गया है. पहले ही लॉकडाउन और बारिश की मार झेल रहे किसान अब नीलगायों के आतंक से परेशान हैं. ये नीलगाय किसानों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं.

दरअसल किसानों की मेहनत के बाद खेतों में गन्ने की फसल अब लहलहाने लगी है. ऐसे में भारी संख्या में नीलगायों का झुंड खेतों में पहुंचकर फसल बर्बाद कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि चन्दरपुर बंकवा, रतवल, औसानी, यमुनापुर, चम्पापुर, धनहा, भितहा और पिपरासी मंझरिया व लौरिया सहित दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां जंगली जानवरों से लोग परेशान हैं.
एक पीड़ित किसान जनार्दन यादव ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से जब से लॉकडाउन लगा है तब से लोगों की चहलकदमी काफी कम हो गई है.
ऐसे में शांत वातावरण की वजह से वन्य जीवों की आवाजाही काफी बढ़ गई है. हाल के दिनों में तेंदुआ, जंगली सूअर, हिरण, सांभर सहित नीलगाय आसानी से रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर विचरण करते देखे जा रहे हैं. ये जानवर लोगों को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं.
लॉकडाउन की अवधि में अब तक तेंदुए और जंगली सूअर के हमले में आधे दर्जन लोग घायल हो चुके हैं वहीं कई बकरियां और उनके मेमने इन जानवरों का निवाला बन गए हैं.
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे होने की वजह से वैसे तो हर साल नीलगाय खेतों में नुकसान करते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से नीलगायों की संख्या बढ़ गई है. वे झुंड के झुंड खेतों में पहुंचकर खेतों में लगे फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
कई बार कुछ किसानों ने इसकी शिकायत भी वन विभाग से की. लेकिन न ही विभाग इस बारे में गंभीर होता है और न ही उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा मिल ही पाता है.