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जीविका दीदी बना रही लाखों मास्क

पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट) | बिहार में जीविका समूह की महिलाओं का खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य रक्षा में अच्छा खासा योगदान है. इसके साथ ही जीविका दीदी शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराने में भी पूरा सहयोग कर रही हैं. बिहार में इन दिनों कोरोना संकट को देखते हुए जीविका समूह से जुड़े 1276 परिवारों ने अब तक 5 लाख से अधिक मास्क तैयार किए हैं. स्थानीय स्तर पर इसकी खपत अधिक हो रही है. इन मास्को की खरीद बैंक, बिजली कंपनी और स्वयंसेवी संस्था कर रहे हैं. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों के लिए पटना से 24 हजार और शेखपुरा से 20 हजार मास्क जीविका दीदी से खरीदे हैं.

इस बारे में जानकारी देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि “जीविका समूह की दीदीयों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनकी वजह से सब को सस्ता मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है. पटना के बाढ़, मोकामा, बिहटा,  नौबतपुर, फुलवारी शरीफ में मास्क बनाने का काम हो रहा है. बिहार के सभी जिलों  में भी मास्क बनाया जा रहा है. सभी जिलाधिकारियों को उनके यहां के जरूरत के हिसाब से मास्क की मांग करने के लिए कहा गया है”.

कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण को लेकर बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पहले ही घोषणा कर ये बताया था कि राज्य की जीविका दीदियां अब मास्क बनाएंगी. तथा बिहार के सभी जिलों में मास्क बनाने का कार्य किया जाएगा.

बता दें वर्ष 2007 में विश्व बैंक की आर्थिक सहायता से बिहार रूरल लाइवलिहुड प्रोजेक्ट यानी जीविका शुरू किया गया. जीवकाजर्न के अलावा महिलाएं खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य रक्षा का भी काम कर रही हैं. प्रोजेक्ट जीविका ने जहां महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, वहीं उनकी जिंदगी में दूसरे सार्थक बदलाव का बायस भी बना. महिलाओं की सेहत में सुधार के लिए भी इस प्रोजेक्ट ने उन्हें लोन दिया, जिससे वे स्वस्थ रहने लगीं. महिलाओं को परिवार नियोजन का महत्व समझाया. महिलाओं के पति और बच्चों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की, जिससे पूरे परिवार का स्तर उठा. चूंकि महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की राह चुनी इसलिए घरेलू हिंसा और कलह से भी उन्हें मुक्ति मिली.