बेहोश हो गईं सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश
नई दिल्ली (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट) | निर्भया केस के आरोपियों के लिए लगातार उठती फांसी की सजा की मांग को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया में तेज़ी से काम रही है. दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप केस में चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के लिए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक साथ फांसी देने की इजाजत की मांग कर रही है. फांसी की सजा की याचिका पर सुनवाई न्यायाधीश आर. बानुमति समेत तीन जजों की बेंच कर रही हैं.
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र सरकार की याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर बानुमति शुक्रवार को अदालत कक्ष में बेहोश हो गई. उन्हें वापस उनके चैंबर में ले जाना पड़ा. कुछ सेकंड के बाद जब वे होश में आई, तो उन्हें चिकित्सा के लिए व्हील चेयर पर ले जाया गया.
घटना के समय थोड़ी देर के लिए तो कोर्ट रूम में अफरातफरी मच गई. मामले में आरोपी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला काउंसल ने मदद के लिए चिल्लाया और महिला सुरक्षा कर्मचारियों से कहा कि वो न्यायमूर्ति की मदद करने के लिए न्यायाधीश के कुर्सी के पास जाएं. लेकिन कुछ ही सेकेंड बाद उन्हें होश आ गया तथा सिक्युरिटी गार्डों द्वारा उन्हें उनके चैम्बर में ले जाया गया. बाद में उन्हें व्हीलचेयर पर अदालत की परिसर में स्थित इन-हाउस डिस्पेंसरी ले जाया गया. जस्टिस बानुमति की तबीयत खराब होने के बारे में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि जस्टिस आर. बानुमति जब सुनवाई कर रही थीं तो उन्हें तेज बुखार था.
घटना के बाद बाद में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने कहा कि मामले में आदेश अब चेंबर में सुनाया जाएगा.