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LOVE का THE END – एक थी जूली

पटना– “वेलेंटाइन डे” प्यार करने वालों का दिन। “न उम्र की सीमा हो न जन्म का हो बंधन” “प्यार अँधा होता है”। ये शब्द जैसे ही दिमाग में आते हैं मटुकनाथ और जूली की प्रेम कहानी हमारे ख्यालों से उभर कर सामने आती है। कहानी एक प्रेमी गुरु मटुकनाथ और उनकी प्रेमिका शिष्या जूली की। एक ऐसी प्रेम कहानी जो एक समय बिहार के साथ साथ सारे भारत में चर्चा का विषय रही थी। आज इस कहानी ने अब बेहद दर्दनाक मोड़ ले लिया है।

मटुकनाथ पटना विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर पद पर कार्यरत थे और जूली इनकी शिष्या थी। मटुकनाथ के अपने से आधी उम्र की शिष्या जूली के साथ प्यार की खबरें जैसे ही सुर्ख़ियों में आयी मटुकनाथ के परिवार वालों ने हंगामा खड़ा कर दिया और समाज ने मटुकनाथ का बहिष्कार करते हुए मटुकनाथ के मुंह पर कालिख पोत कर जुलूस तक निकाल दिया था। बाद में विश्वविद्यालय ने भी मटुकनाथ को निलंबित तक कर दिया था। इतनी बेइज्जती सहने के बाद भी दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया. मटुकनाथ और जूली दोनों ने अपने परिवार वालों का साथ छोड़कर खुद का अलग आशियाना बसा लिया था

अचानक अब इतने सालों के बाद ये कहानी फिर से एक नए रूप में सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार भोजपुरी की सुप्रसिद्ध गायिका और जूली की दोस्त देवी ने ये दावा किया है कि “कभी उम्र का फासला मिटाकर, समाज और दुनिया से बगावत कर जिस जूली ने मटुकनाथ का हाथ थामा था, फिर उसे छोड़कर आध्यात्म की ओर मुड़ गई थी, वो मिली जानकारी के मुताबिक जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रही है”।

सुप्रसिद्ध गायिका देवी के अनुसार “मुझे एक दिन अचानक एक परिचित का मैसेज आया जिससे पता चला कि जूली इस वक्त वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। वह कई महीनों से मानसिक रूप से बीमार है। जब देवी ने जूली से संपर्क साधा तो जूली ने अपनी तस्वीर भेजकर उन्हें अपनी हालत से वाकिफ कराया और भारत लाकर उसका इलाज करने की गुहार लगाई।”

देवी ने मटुकनाथ से जूली को भारत लाने के लिए कहा तो मटुकनाथ ने भारत लाने से इनकार करते हुए कहा “मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं”। देवी ने जूली के भाई से संपर्क साधने की कोशिश की तो उसने जूली के साथ सारे रिश्ते खत्म होने की बात कहकर मदद के लिए मना कर दिया। देवी ने जूली की मदद के लिए सीएम नीतीश को पत्र लिखा है और विदेश मंत्रालय से भी मदद की गुहार लगाई है। देवी ने मटुकनाथ के ऊपर आरोप लगते हुए मटुकनाथ को धोखेबाज और झूठे प्यार का नाटक करने वाला बताया। देवी ने कहा कि ” जिस लड़की ने इस प्रेम की खातिर सबकुछ त्याग दिया आज इस हालत में मटुकनाथ ने साथ छोड़ दिया है”।

लवगुरु के नाम से मशहूर एक गुरु का शिष्या के प्यार में पागल हो जाना। प्यार को पाने के लिए गुरु और शिष्या का परिवार और समाज से बगावत कर देना। एक प्रेम कहानी का ऐसा अंत शायद ही किसी ने सोचा होगा। एक ऐसी प्रेम कहानी जो सोचने के लिए मज़बूर कर देती है।