पांच दिनों तक चला आइसोलेशन सेंटर बंद, फिर खुलने के आसार
सिवान (TBN रिपोर्टर) | बिहार में कोरोना प्रभावितों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले महीने के अंत मे दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में इकट्ठा हुए तब्लीगियों की वजह से देश भर में कोरोना प्रभावितों की संख्या में अचानक से उछाल आया है. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने लॉक डाउन को और सख्त किया है तथा यह व्यवस्था सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कोई भी भूखा न रहे.
उत्तर बिहार का सिवान जिला भी कोरोना प्रभावित है. यहां से कुल पांच प्रभावितों की शिनाख्त हुई, लेकिन सुखद यह है कि चार प्रभावितों का रिजल्ट नेगेटिव आया है.
ऐसी परिस्थिति में निर्मल ग्राम पंचायत चांप मुखिया श्रीमती अंजिता देवी के मकान में एक आइसोलेशन सेंटर खोला गया था. यह एनएच 85 के किनारे स्थित है. इसकी अनुमति हुसैनगंज प्रखंड की बीडीओ से ली गयी थी. 29 मार्च से 2 अप्रैल तक यह सेंटर काम करता रहा. लेकिन 3 अप्रैल को अचानक एसडीओ ने यहां आकर इसे तत्काल बन्द करने का फरमान सुना दिया और यहां से दो किलोमीटर अंदर चांप पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में आइसोलेशन सेंटर खोलने का आदेश दिया.
इस आइसोलेशन सेंटर में कोई कोरोना संदिग्ध भर्ती नही था. लेकिन देशव्यापी लॉक डाउन की वजह से पलायन कर बिहार अपने गांव जाने वाले मजदूरों को इस सेंटर के रूप में बड़ी राहत मिली हुई थी. उनके रहने , खाने – पीने की व्यवस्था यहां थी. जिस समय एसडीओ ने इसे बंद कराया , तबतक यहां 50 से ज्यादा मजदूर , महिलाएं और बच्चे यहां ठहरे हुए थे जिन्हें मजबूरी में सेंटर छोड़ना पड़ा और पैदल अपने गांव की ओर जाना पड़ा.
लेकिन तबतक अपनी उत्कृष्ट सेवा के कारण यह सेंटर मीडिया की सुर्खियां बन चुका था. ज़िला प्रशासन को जब इसके बन्द होने की जानकारी हुई तब इस सेंटर के संचालक मुखिया पति एवं हुसैनगंज प्रखंड प्रमुख श्री राजा राम साह को आज ( 4 अप्रैल ) डीडीसी ने बुलाया. इस पंचायत के कोरोना प्रभारी जितेंद्र कुमार भी साथ मे थे.
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डीडीसी ने प्रखंड प्रमुख और कोरोना पंचायत प्रभारी से इसकी कैफियत तलब की और सारी जानकारी लेने के बाद सेंटर के फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया.
उल्लेखनीय है कि शहर की शान समझे जाने वाले तीन होटलों इंटरनेशनल होटल , प्रकाश होटल एवं मनीष होटल को जिला प्रशासन ने आइसोलेशन सेंटर बनाया हुआ है. सेंटर बनाने की पेशकश खुद इन होटलों ने नही की थी. जबकि , एनएच 85 के किनारे पांच दिनों तक चला सेंटर पूरी तरह से निःशुल्क था. लेकिन यह सेंटर जितनीं जल्द सुर्खियों में आया और पूरे जिले में इसकी चर्चा होने लगी, उससे इसके बन्द होने के पीछे राजनीतिक कारणों से इंकार नही किया जा सकता. लेकिन ज़िला प्रशासन की प्राथमिकता सिवान को कोरोना मुक्त रखने की है. ज़िला प्रशासन की सबसे बड़ी चिंता यह है कि तबलीगी जमात के 148 लोग सिवान के है जो निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे, लेकिन उनकी सिवान वापसी की कोई जानकारी नही मिल पाई है. ऐसे में सिवान के लोगों को कोरोना प्रभाव से दूर रखना और गरीबों को हर तरह की सहायता देना उसकी प्राथमिकता में शामिल है.