दरभंगा: डीएम और एमएलए की उपस्थिति में कमिश्नर ने फहराया उलटा तिरंगा
दरभंगा (TBN – The Bihar Now डेस्क)| कमिश्नर ने उल्टा तिरंगा पहरा दिया. जी हां, गणतंत्र दिवस के अवसर पर दरभंगा के नेहरू स्टेडियम (Nehru Stadium of Darbhanga) में प्रमंडल के कमिश्नर मनीष कुमार ने उल्टा तिरंगा फहराने (Divisional Commissioner hoisted the inverted tricolor) के साथ झंडे को सलामी दी और राष्ट्र गान भी गाया. बाद में मीडिया द्वारा बताए जाने पर तिरंगे को तुरंत सीधा कर दिया गया. इस दौरान वहां काफी अफरातफरी का माहौल रहा.
दरभंगा के नेहरू स्टेडियम में हर साल 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है. इसको लेकर एक महीने पहले से ही तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं. इस बार भी काफी तैयारियां की गई थी. गणतंत्र दिवस समारोह के लिए स्टेडियम में एक बड़ा सा मंच बनाया गया था. जहां से झंडे को सलामी दी गई. इस बार कार्यक्रम में आईजी ललन मोहन प्रसाद ने भी शिरकत की थी.
डीएम और दो विधायक भी थे मौजूद
इस समारोह में दरभंगा के डीएम राजीव रौशन (Darbhanga DM Rajeev Roshan), एसएसपी अवकाश कुमार (SSP Avakash Kumar), सीटी एसपी सागर कुमार और केवटी के बीजेपी एमएलए मुरारी मोहन झा (BJP MLA from Kevati Murari Mohan Jha) के साथ बेनीपुर के जेडीयू विधायक विनय कुमार (JDU MLA from Benipur Vinay Kumar) भी शामिल हुए थे. उल्टा झण्डा फहराने के बाद लोगों ने झंडा बांधने वाले व्यक्ति पर नाराजगी जता रहे थे. वहीं, कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोग यह भी कहते हुए दिखाई दिए कि इतना बड़ा कार्यक्रम था, इतने बड़े अधिकारी शामिल हुए थे. फिर भी ऐसी लापरवाही कैसे हुई.
विधायक ने कार्रवाई की मांग की
इधर, कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी के विधायक मुरारी मोहन झा ने उल्टा झंडा फहराने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है और इसको लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. बता दें कि इससे पहले भी राज्य में इस तरह की घटना हुई है. पिछले साल यानि 2022 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ही जमुई के प्लस टू हाई स्कूल में उल्टा झंडा फहराया गया था. बहुत देर तक लहराते रहने के बाद इसे सीधा किया गया था. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ था.
बताते चले, तिरंगे को उल्टा फहराये जाने को इसका अपमान माना जाता है. अब देखना यह है कि आखिर दरभंगा में हुए इस तरह के मामले में कौं दोषी पाया जाता है और उसे क्या सजा दी जाति है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना फिर से न हो सके. इसके लिए सजा दूसरे लोगों के लिए एक सबक हो सकता है.