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गंडक बराज पर है ये ख’तरा

वाल्मीकिनगर (TBN डेस्क) | कोविड-19 (Covid-19) के कारण हुए लॉकडाउन (Lockdown) का असर गंडक नदी तटबंध पर पड़ा है. दरअसल नेपाल की ओर से बहने वाली नारायणी गंडक नदी वाल्मीकिनगर में इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज से दोनों देशों को दो किनारों में बांटती है.

लेकिन गंडक नदी (Gandak river) के नेपाल हिस्से वाले दायां इफ्लक्स बांध के मरम्मती और बांध सुरक्षात्मक कार्य बाढ़ बरसात पूर्व पूरा नहीं किए जाने को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है.

बताया जा रहा है कि 9 मार्च 2019 को इस बांध सुरक्षात्मक कार्य की अनुमति मिली थी और 31 मार्च 2021 तक इसे पूरा कर लिया जाना है. ऐसे में कोविड-19 (Covid-19) के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन में बॉर्डर सील होने से फ़िलहाल इस योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों पर पानी फिर गया है.

हालाकि इसकी चिंता में बरसात से पहले जल संसाधन विभाग की ओर से नेपाल के नवलपरासी ज़िला प्रशासन से संपर्क साधा गया और बैठकों का दौर भी चला. लेकिन लॉकडाउन में नेपाल सरकार द्वारा कार्यों की अनुमति नहीं मिलने से मुश्किलें बढ़ गई हैं.

बाढ़ से कटाव के दिनों में, बरसात के समय गंडक बराज (Gandak Baraj) से होने वाला डिस्चार्ज अगर 4 लाख क्यूसेक से अधिक ज्यादा होने पर, दाएं एफ्लक्स बांध नेपाल की ओर ख़तरे की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में बरसात से पहले यह काम वैकल्पिक तौर पर पूरा किए जाने की कवायद में विभाग को पत्राचार कर नए उपाय में जल संसाधन विभाग की तैयारी चल रही है. यह इसलिए किया जा रहा है ताकि आपदा की घड़ी में किसी अनहोनी से आसानी से निपटा जा सके.

नेपाल सरकार के उदासीन रवैए को लेकर जल संसाधन विभाग ने कमर कस लिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस मौसम में बांध सुरक्षात्मक कार्य जल्द शुरू करने पर सहमति बन जाए.

मामला गंभीर है. गंडक बराज के 36 फाटकों में 18 भारत और 18 नेपाल की सीमा में हैं. इनमें नेपाल की ओर 29, 31 और 34 नंबर फाटकों की स्थिति बेहतर नहीं है. ऐसे में नेपाल सरकार को भी समय रहते गंभीरता से विचार कर इस ओर ध्यान देने कि ज़रूरत है ताकि नदी में उफ़ान और जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि होने पर बीते वर्षों में फाटक नंबर 23 जैसी नई मुश्किल खड़ी न कर दे.

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